आसाम:बिटिचि के अल्पसंख्यक लोगो की न्याय-हक-अधिकार को लेकर 24 से आन्दोलन की घोषणा

बिटिचि के अल्पसंख्यक लोगो की न्याय-हक-अधिकार को लेकर 24 दिसंबर से धारावाहिक आन्दोलन की घोषणा अल आसाम माइनॉरिटी स्टुडेंट ईउनियन का। “हम अपनी गणतांत्रिक लड़ाई असम से दिल्ली तक लेके जायेंगे” — सभापति रेजाउल करिम सरकार।

चाईजुर रहमान/मिल्लत टाइम्स: गुवाहाटी
आसाम के अल्पसंख्यक समुदाय की अधिकार के लिए गणतांत्रिक लड़ाई लड़ रहे अमस के अल्पसंख्यक समुदाय के बहुत बड़ा चात्र संगठन अल आसाम माइनॉरिटी स्टुडेंट ईउनियन ने बिटिचि के अल्पसंख्यक लोगो की न्याय, हक-अधिकार, मांग को लेकर 24 दिसम्बर से धारावाहिक आन्दोलन घोषित की है। पिछले काफी अर्से से दुर्विह जीवन जापन कर रहे असम के बड़ो टेरिटरियेल काउंसिल यानी बिटिचि के अल्पसंख्यक लोगो की न्याय, हक-अधिकार, मांग को गैरआन्दाज करती आ रही बिटिचि सरकार के खिलाफ कुल 20 मांग को लेकर आन्दोलन घोषित की है

यह अल्पसंख्यक चात्र संगठन। आज धारावाहिक आन्दोलन की घोषणा करते हुए अल आसाम माइनॉरिटी स्टुडेंट ईउनियन के सभापति रेजाउल करिम सरकार ने कहा कि बिटिचि मे रह रहे अल्पसंख्यक लोगो को राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक अधिकारो से बचिंत किया जा रहा है। लगातार नाईन्साफि कर रहे बिटिचि सरकार ने बिटिचि मे तानाशाही से शासन करके वहाके अल्पसंख्यक लोगो की हक-अधिकार छीन लिया है। जबतक जुल्म के शिकार लोगो को न्याय नही मिलेगा, जुल्म का अतं जबतक नही होगा हम चैन की साश नही लेंगे। “हम अपनी गणतांत्रिक लड़ाई असम से दिल्ली तक लेके जायेंगे।” सभापति रेजाउल करिम सरकार ने कहा। अल आसाम माइनॉरिटी स्टुडेंट ईउनियन 24 दिसम्बर के सुबह ग्यारह बजे से एक बजे तक बिटिचि के मुख्य चहर कोकराझार मे धर्णा प्रदर्शन करेंगे। नये साल के 15 जनवारी को कोकराझार, चिरां, बाक्सा, अदालगुरि ओर पर्वतझोरा मे विशाल समावेश का आयोजन करेगा। अगर बिटिचि ओर असम सरकार संगठन की मांग पुरी नही करेगा तो रेलपथ अवरोध करने के साथ-साथ दिल्ली मे भी आन्दोलन करने का फैसला लिया है संगठन ने।

बिटिचि चुक्ति पुनरीक्षण करे; चात्र नेता लाफिकुल ईसलाम की हत्याकारी को गिरफ्तार करे ओर सख्त सजा दे; अल्पसंख्यक लोगो की जीवन, सम्पत्ति का निरापत्ता, सुरक्षा सुनिश्चित करे; पंचास प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक लोग रहने वाले गांव के नाम बिटिचि से निकाल दे; साम्प्रदायिक हिंसा के बलि अल्पसंख्यक लोगो को आर्थिक सहायता का प्रतिश्रुति पालन करे; बिटिचि मे माइनॉरिटी बोर्ड बनाये; बड़ोलेण्ड विश्वविद्यालय मे अरबी ओर उर्दू  भाषा का अध्यापक नियुक्त करे से लेकर कुल 20 मांग की है अल आसाम माइनॉरिटी स्टुडेंट ईउनियन ने। संगठन असम सरकार,असम के राज्यपाल ओर बिटिचि चीफ हाग्रामा महिलारी को ज्ञापन भी सौंपेगे। गौरतलब है कि 2003 मे असम सरकार के सहयोग से उग्रवादी संगठन बड़ो लिवारेशन टाइगर ने अस्त्र समर्पण करके केन्द्र सरकार केन्द्र साथ बिटिचि चुक्ति किये थे। जिस चुक्ति के आधार पर बड़ो समुदाय को राजनीतिक अधिकार के साथ साथ शैक्षिक, आर्थिक जैसे अधिकारो पर संरक्षण दिया गया। हालांकि असम के चार जिले को लेकर गठित बिटिचि मे सिर्फ 27 प्रतिशत बोड़ो सम्प्रदाय के लोग रहते है। 73 प्रतिशत साधारण हिन्दू, मुस्लिम, राभा, आदिवासी, बंगाली आदि समुदाय के लोग है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity