लोकसभा चुनाव की सीरीज़ में हम आज बात करने जा रहे हैं असं की लोकसभा सीट करीमगंज के बारे में. ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट से फिलहाल आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(AIUDF) के राधेश्याम बिस्वास सांसद हैं.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी है. ये असम में काफ़ी प्रभावी पार्टी है.
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में जहाँ भाजपा के पक्ष में “मोदी लहर” चली वहीँ असम की इस सीट पर किसी लहर का कोई स्कोप ना रहा. आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के उमीदवार ने यहाँ भाजपा के कृष्णा दाल को 102,094 वोटों से हराया. इससे पहले यहाँ से कांग्रेस के ललित मोहन शुक्लावैद्य सांसद थे जो इस बार के चुनाव में तीसरे स्थान पर खिसक गए. 2014 के चुनाव को छोड़ दें तो यहाँ से कांग्रेस के ही सांसद अक्सर जीत के आये हैं, बस 2 बार भाजपा और एक बार कांग्रेस (सोशलिस्ट) यहाँ से चुनाव जीती है.
क्या है अभी की स्थिति?
मौजूदा स्थिति की बात करें तो करीमगंज लोकसभा सीट में कुल 8 विधानसभा सीटें हैं. 2016 में असम में जहाँ भाजपा सरकार बनी वहीँ यहाँ की 8 में से महज़ 2 ही वो जीत सकी और दो सीटें कांग्रेस के हाथ लगीं लेकिन AIUDF के 4 विधायक यहाँ से चुन कर आये हैं. पिछले एक-डेढ़ साल में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ने अपनी स्थिति में और सुधार किया है. क्षेत्रीय जानकार भी मानते हैं कि असम में जनता भाजपा के काम से बहुत ख़ुश नहीं है, ऐसे में इसका फ़ायदा भी AIUDF को मिल सकता है