गए थे गौ-रक्षा करने। जब सूचना गलत निकली तो खुद के लेने-देने पड़ गए।

नई दिल्ली (शबीना सैय्यद)

दिल्ली से सटे गाजियाबाद के विजयनगर में गौ- रक्षकों को ये सूचना मिली कि कुछ लोग कल सुबह 8 :30 बजे ट्रक में गाय के बछड़ों को ले जा रहे हैं । फिर क्या हुआ बजरंग दल के कुछ लोगों ने वहां जाकर हंगामा शुरू कर दिया । और मौके पर ट्रक ना मिलने की वजह से अपना गुस्सा पुलिस प्रसाशन पर ननिकाल दिया। गौ- रक्षा के नाम पर पुलिस को ही कानून का पाठ पढ़ाने लग गए। पुलिस को अपनी पहुंच की ताकत बताने लगे। पुलिस प्रसाशन ने कहा कि यहां से इस तरह का कोई ट्रक नहीं गया है । लेकिन गौ – रक्षा दल के गुंडों ने पुलिस की कोई बात नहीं मानी ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर उनको डराने और धमकाने लगे। फिर क्या था पुलिस ने उनकी एक न सुनी और उनको वहां से उलटे पांव मारकर भगा दिया। इस पर गौ -रक्षक दल के लोगों ने अपनी एक वीडियो बनाकर जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि पुलिस प्रसाशन के कुछ लोग मिले हुए हैं। जो गौ तस्करी करने वालों का साथ देते हैं। और इस तरह के आरोप प्रसाशन पर लगा रहे हैं कि उन्होंने जान बुझ कर उस ट्रक को निकला है।

देशभर में गौ-रक्षा के नाम पर गौ रक्षक दल ने देश भर में अपना आतंक मचाया हुआ है I ऐसी घटनाओं का लगातार बढ़ना और इसपर प्रशासन की चुप्पी एक खतरनाक स्थिति की ओर इशारा करती है . ‘सिटीजन्स अगेंस्ट हेट’ की रिपोर्ट के अनुसार गौ-रक्षकों द्वारा हिंसा के 97% मामले 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद सामने आये हैं. 2015 से गौ रक्षा के नाम पर हिंसा के 24 मामले सामने आये हैं, जिनमें 34 हत्याएं और 2 रेप की घटनाएँ शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर मामले हरियाणा के हैं, जहाँ 9 क़त्ल और 2 रेप के मामले शामिल हैं. हरियाणा के बाद इस सूची में उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बंगाल और राजस्थान का नंबर आता है. रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 94% मामलों में गौ-रक्षा दलों के लोग शामिल थे . इस रिपोर्ट में पाया गया है कि भीड़ के द्वारा की गयी घटनाएँ भी सुनियोजित ढंग से करायी जाती रही हैं . इन हमलों के शिकार ज्यादातर मुस्लिम समाज के लोग होते रहे हैं जिनमे ज्यादातर कुरैशी, मेव , अंसारी और गुज्जर हैं . इन समाजों में ज्यादातर लोग पशु पालन से जुड़े हुए रहे हैं इसीलिए ये आसान निशाना बनते रहे हैं . इस रिपोर्ट के अनुसार 63 में से 61 मामले मोदी सरकार के गौ रक्षा कानूनों को कड़े करने के बाद से आये हैं . अंग्रेजी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2010 से 2017 गौ रक्षा के नाम पर हिंसा के 63 घटनाएँ हुई जिनमे से 32 बीजेपी शासित राज्यों में हुई हैं . मुसलमानों के अलावा इसके शिकार 8% दलित , 1 %ईसाई , 5% सिख और 14 % हिन्दू भी हुए हैं . अब्राहम और राव 2017 रिपोर्ट के हिसाब से 52 % हिंसा की वारदातें अफवाहों की वजह से हुई और 23 मामलों में विश्व हिन्दू परिषद् , बजरंग दल या बाकी कट्टरपंथी संगठन शामिल रहे हैं .

 

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