शरजील इमाम और अखिल गोगोई की रिहाई के लिए एस.डी.पी.आई बिहार का 400 से अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन

प्रेस विज्ञप्ति 24 जुलाई, 2020:भारत में कोरोना को रोकने के नाम पर लॉकडाउन तैयारी की कमी के कारण पूरी तरह से विफल रही है , साथ ही सरकार द्वारा इस बीच की घटनाओं ने साबित कर दिया है कि यहां लॉकडाउन कोरोना को रोकने के उद्देश्य से नहीं बल्कि उसके आड़ में सांप्रदायिक फासीवाद ताकतों को बढ़ावा देने के लिए है यह बातें *सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया*, बिहार के राज्य अध्यक्ष *नसीम अख्तर* ने कहा, एसडीपीआई ने 24 जुलाई को बिहार के सभी जिलों में सैकड़ों स्थानों पर शरजील इमाम और अखिल गोगोई को रिहा करने की मांग करने वाले तख्तियों के साथ धरना प्रदर्शन किया है। पार्टी ने सवाल किया कि जब कोरोना गुवाहाटी जेल में तेजी से फैल रही थी तब शरजील और गोगोई और अन्य कैदियों की जान क्यों नहीं बचाई गई ? क्या कोरोना के नाम पर शरजील और गोगोई की हत्या की साजिश तो नहीं है? इसलिए पार्टी ने शरजील इमाम, अखिल गोगोई की तुरंत रिहाई और उनके लिए बेहतर इलाज की मांग की, साथ ही राजनीतिक शत्रुता के तहत गिरफ्तार किए गए सभी छात्रों और कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की।

अपने बयान में, पार्टी के राज्य सचिव मंजर आलम और राज्य के उपाध्यक्ष नूरुद्दीन ज़ंगी ने धर्मनिरपेक्ष दलों की आलोचना करते हुए कहा कि जब सी.ऐ.ऐ विरोधी आंदोलन चल रहा था, तो हर कोई मंच पर आने और नेता बनने की कोशिश कर रहा था। लेकिन जब आंदोलन का हिस्सा रहे कार्यकर्ताओं व छात्रों को गिरफ्तार करने और प्रताड़ित करने का काम जारी है, तो सब चुप है, यहां तक ​​कि राजद नेता जामिया विद्वान मीरान हैदर की गिरफ्तारी पर उनकी अपनी पार्टी को भी सांप सूंघ गया है। बिहार के लाल शरजील इमाम का जीवन खतरे में है लेकिन बिहार का कोई भी नेता या कोई भी दल अपने राज्य के बेटे के लिए मुंह खोलने को तैयार नहीं है

बिहार शरीफ प्रदर्शन में बोलते हुए, पापुलर फ्रंट बिहार के प्रदेश उपाध्यक्ष शमीम अख्तर और मुजफ्फरपुर के औराई में बोलते हूवे कैंपस फ्रंट के नेता सैफुर रहमान ने सभी धर्मनिरपेक्ष व्यक्तियों और धर्मनिरपेक्ष संगठनों से अपील की कि वे यूपी और दिल्ली को एक व्यावहारिक तौर पर पुलिस राज्य बनाकर व तलबा और ऐकटिविसटों को प्रताड़ित कर हिंदू राष्ट्र के किऐ जा रहे टेस्ट के खिलाफ एकजुट हो कर हिंदू राष्ट्र के चल रहे परीक्षण को विफल कर देश को फासीवाद की खतरनाक मक़सद से बचा लें । उन्होंने एसडीपीआई को धन्यवाद दिया कि जब सभी ज़बान बंद होती दिख रही हैं, तब एसडीपीआई देश की रक्षा में सबसे आगे दिख रही है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity