*लोकतांत्रिक अधिकारों व आवाज पर दमन बंद हो – इंसाफ मंच
*सब याद रखा जायेगा राष्ट्रीय अभियान के तहत मुजफ्फरपुर के विभिन्न क्षेत्रों में कई संगठनों व लोगों का प्रतिवाद।
प्रेस विज्ञप्ति, मुजफ्फरपुर, 3जून 2020
सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी आंदोलन के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी तथा लोकतांत्रिक आवाजों पर दमन के खिलाफ देशव्यापी विरोध दिवस के तहत भाकपा-माले, इंसाफ मंच, ऐपवा व अन्य संगठनों ने मुजफ्फरपुर में भी प्रतिवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान मांग की गई की लाॅकडाउन के दौरान दिल्ली व यूपी में गिरफ्तार किए गए सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी आंदोलन के कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए, प्रतिवाद की लोकतांत्रिक आवाजों पर दमन बंद किया जाए, सभी राजनीतिक कैदियों सहित चर्चित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान को रिहा किया जाए तथा दिल्ली हिंसा के असली अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए।
भाकपा-माले जिला कार्यालय में आयोजित प्रतिवाद कार्यक्रम में माले जिला सचिव कृष्णमोहन, इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष आफताब आलम व जफर आजम, चर्चित बुद्धिजीवी प्रो अरविंद कुमार डे, ऐक्टू के जिला संयोजक मनोज यादव, रसोईया संघ के जिला सचिव परशुराम पाठक, आइसा-इनौस के शफीकुर रहमान, राजकिशोर प्रसाद, धनंजय कुमार तथा शहर के अन्य क्षेत्रों में ऐपवा की प्रो.मीरा ठाकुर व निर्मला सिंह सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस दौरान इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान पिछले दो महीने में दिल्ली पुलिस ने सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी आंदोलन में शामिल होने के आरोप में जामिया के छात्र सफूरा जरगर, मीरान हैदर, आसिफ इकबाल, जेएनयू की छात्राएं नाताशा नरवाल और देवांगना सहित इशरत जहां, खालिद सैफी, शर्जील इमाम,शिफाउर रहमान जैसे कार्यकर्ताओं और अन्य सैकड़ों मुस्लिम नौजवानों को गिरफ्तार कर लिया है। हाल ही में एएमयू के छात्र फरहान जुबैरी और रवीश अली को यूपी पुलिस ने सीएए के विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए गिरफ्तार किया है। लेकिन दिल्ली में सीएए के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ खुलेआम हिंसा भड़काने वाले भाजपा नेता कपिल मिश्रा, प्रवेश शर्मा और अनुराग ठाकुर जैसे लोग बिना किसी कारवाई के निर्भिक घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले छात्र-नौजवानों व बुद्धिजीवियों पर दमन चलाने व गिरफ्तार करने के बदले मोदी सरकार को कोरोना संकट और लाॅकडाउन से तबाह और मर-खप रहे मजदूरों, गरीबों, आमलोगों को बचाने में सत्ता का उपयोग करना चाहिए। मुजफ्फरपुर में फिर चमकी बुखार से बच्चे बीमार हो रहें हैं और कई की जान जा चुकी है। ऐसे दौर में पिछले साल चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के यूपी के चर्चित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान मुजफ्फरपुर के गांव-पंचायतों में कैंप लगा कर इलाज में जुटे थे। लेकिन उन्हें सीएए विरोधी आंदोलन के कारण जेल में बंद कर दिया गया है। उन्हें यूपी सरकार बच्चों के हित में अविलंब रिहा करे।