पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बना औषधीय पौधों का एक अनोखा बागवान

[शौकत_नोमान,सीतामढ़ी] प्रतिदिन वृक्षों कि अवैध तरीकों से कटाई होने से हमारा जंगल सिमटता जा रहा है। पर्यावरण की सुरक्षा से ही हमारी जीवन की रक्षा संभव है, अगर हम अभी नहीं चेते पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा। जिससे पृथ्वी पर जीवन यापन दुश्वारियां भरा हो जाएगा।
आज हम बात करेंगे ऐसे ही पर्यावरण मित्र मो. जावेद की जिन्होंने कई सालो से पर्यावरण की सेहत बचने का संकल्प लिया साथ ही अपने मित्रो व रिश्तेदारों को भी प्रेरित करते है।

सीतामढ़ी शहर राजोपट्टी, अंसारी रोड के निवासी पेशे से आयुर्वेद अस्पताल में फार्मासिस्ट है। उनके पिता नुरुल हसन भी औषधीय पौधों की खेती करते थे। जावेद अपने 3 कट्टे जमीन के एक कट्टा मे मकान एंव मकान के बाहरी हिस्से 2 कट्टे मे फलदार व औषधीय पौधे उगाकर उसे हरा भरा बना दिया दिया, जिसमे सजावटी, फलदार, सब्जी, औषधीय समेत कई प्रकार के पौधे है। जैसे:-बागवानी में सफेद तुलसी, स्याह तुलसी, रुद्राक्ष, प्रह्लाद, बड़ी व छोटी इलायची, दालचीनी, तेजपत्ता, आलू बुखारा, व्हाइट जामुन, चेरी, सेब, नाशपाती, मैंगो स्टार, पपीता, आम, केला, अमरूद, हरफरौली, खीरा, मौसमी, ऑल स्पाइस, जायफल, अंजीर, हींग, कागजी बेल, जैतून, बेदाना, कैराना, बालम खीरा, साइकस, चाइनीज बैंबू और भंगरिया जैसे औषधीय पौधे हैं।

शुगर फ्री केला और सेंदुर का पेड़ देखने आते है लोग

यहां केले की अलग-अलग प्रजातियां आकर्षण का केंद्र हैं। यहां शुगर फ्री केला है। छोटे आकार वाले इस केले की कलम हैदराबाद से मंगवाई है। केले की एक और प्रजाति है, जिसमें ऊपर की ओर फल निकलता है। इसी बाग में फूल झाडू़ का पेड़ है। खीरे का पेड़ भी आकर्षण है। इतना ही नहीं कर्पूर और सिंदूर का पेड़ भी लोग देखने आते हैं।

जावेद ऐसे करते है पेड़ो का देखभाल

वो प्रतिदिन करीब 3 से 4 घंटे पौधे की देखरेख करते है, सुबह दफ्तर जाने से पहले शाम को आने के बाद रोजाना अलग-अलग पौधों को हिफ़ाज़त करते है। पौधों में नियमित रूप से पानी देना,कटाई-छटाई करना, छोटे-बड़े पौधों को उनके साइज अनुसार आकार देना, इसका पूरा ध्यान रखते है। जावेद बताते हैं, जब भी किसी औषधीय पौधों की जानकारी मिलती, जाकर लाते हैं। जिसमे उनके परिवार के सदस्य भी खास रुचि रखते है! सामाजिक कार्यकर्ता कमर अख़्तर कहते है उनका आवास एक बागवान है जिसमें औषधीय पौधे व फलदार पेड़-पौधे पर्यावरण की रक्षा का संदेश दे रहा है, इन पेड़ों के फल भी काफी मजेदार है।
वहीं आसपास के लोग भी इस गार्डन का खूब तारीफ करते है।

SHARE
is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity