3 मई के बाद भी बंद रह सकते हैं स्कूल,मॉल,बस,ट्रेन फ्लाइट इत्यादि

नई दिल्ली. देश में शैक्षणिक संस्थान, शॉपिंग मॉल्स, धार्मिक स्थल और पब्लिक ट्रांसपोर्ट 3 मई के बाद भी बंद रहने की संभावना है। एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया िक देश में 3 मई तक जारी लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा या नहीं, इस पर हफ्तेभर में फैसला ले लिया जाएगा।अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ 3 घंटे तक चली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद जो डेवलपमेंट सामने आए हैं, उनके मुताबिक ग्रीन जोन में आने वाले जिलों में सीमित संख्या में निजी वाहनों के संचालन को मंजूरी दी जा सकती है।

मुख्यमंत्रियों से बैठक के बाद क्या संकेत मिल रहे हैं?
1) बैठक के बाद के डेवलपमेंट से वाकिफ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ट्रेन और उड़ानों के हाल-फिलहाल शुरू होने की कोई संभावना नहीं है। ट्रेनों और विमानों के नियंत्रित संचालन की शुरुआत संक्रमण के हालात को देखते हुए देश के कुछ चुने हुए हिस्से में मई मध्य के दौरान की जा सकती है।
2) स्कूल-कॉलेज, मॉल्स, धार्मिक संस्थानों, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सामाजिक कार्यक्रमों पर रोक भी 3 मई के बाद जारी रह सकती है। लॉकडाउन के संबंध में फैसला शनिवार या रविवार तक लिया जा सकता है।

3) मीटिंग के दौरान 9 मुख्यमंत्रियों में से 5 को अपनी बात रखने का मौका मिला। इन मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को 3 मई के बाद भी बढ़ाने की बात कही है। इनमें ओडिशा, गोवा, मेघालय जैसे राज्य शामिल हैं। अन्य दो मुख्यमंत्रियों ने कहा कि उन ग्रीन जोन जिलों में ढील दी जाए, जिनमें पिछले 28 दिनों से एक भी मामला सामने नहीं आया है।
4) सभी मुख्यमंत्री इस बात पर सहमत थे कि लॉकडाउन एकसाथ नहीं, बल्कि धीरे-धीरे खत्म किया जाना चाहिए और सभी ऐहतियाती कदमों के साथ ऐसा किया जाना चाहिए ताकि अब तक की गई कोशिशों को कोई झटका ना लगे।

5) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कुछ मुख्यमंत्रियों ने प्रवासी मजदूरों का मुद्दा भी उठाया। मुख्यमंत्रियों ने कहा कि दूसरे राज्यों फंसे ऐसे मजदूरों को राहत देने की व्यवस्था की जाए।

38 दिन में चौथी बार पीएम ने की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ 38 दिन में हुई चौथी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि वायरस का खतरा अभी बना हुआ है, लेकिन हमें अर्थव्यवस्था को भी अहमियत देनी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा- मार्च की शुरुआत में भारत और बाकी देशों के हालात एक जैसे थे। हालांकि, हमने वक्त पर कदम उठाए और इस वजह से कई लोगों को बचाने में हम कामयाब रहे। हमने डेढ़ महीने में हजारों जिंदगियां बचाईं। वायरस अभी भी गया नहीं है। यह अभी आने वाले महीनों में भी रहेगा। लगातार निगरानी बहुत जरूरी है। मास्क और फेस कवर हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाएंगे।(इनपुट भास्कर)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity