कल सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री राष्ट्र को करेंगे संबोधन, जानिए क्या सब खुलने के आसार हैं

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार 14 अप्रैल को सुबह 10 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। कोरोनावायरस पर यह उनका 26 दिन में देश के नाम चौथा संदेश होगा। इसमें वे लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं। इससे पहले उन्होंने 24 मार्च को राष्ट्र के नाम संबोधन देकर कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया था। लॉकडाउन के इस पहले चरण का 14 अप्रैल को आखिरी दिन है।

5 राज्यों में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन
पंजाब, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और बंगाल में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ चुका है। बीते शनिवार प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में 78 करोड़ की आबादी वाली 13 राज्य सरकारों ने देशभर में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने के सुझाव पर सहमति जताई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा था- जान भी और जहान भी, दोनों बचाना जरूरी
बैठक में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा था, ‘‘जान है तो जहान है। जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था, तो शुरुआत में इस पर जोर दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी है। देश के ज्यादातर लोगों ने बात को समझा और घरों में रहकर दायित्व निभाया। अब भारत के उज्जवल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी, जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है। जब देश का प्रत्येक व्यक्ति जान भी और जहान भी, दोनों की चिंता करते हुए अपने दायित्व निभाएगा, सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा, तो कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।’’

उद्योग मंत्रालय की सिफारिश- 15 तरह के उद्योगों और फल-सब्जी वालों को छूट दें
रविवार को ही उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी हुआ है, जिसमें 15 तरह के उद्योगों को शुरू करने और फल-सब्जी बेचने वालों को लॉकडाउन में छूट देने की सिफारिश की गई है।

इन पर पाबंदी बनी रहने के आसार
सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और खेल से जुड़े इवेंट्स पर पाबंदी बनी रह सकती है। सिनेमा हॉल, मॉल्स, पार्क, पर्यटन स्थल, धर्मस्थल स्कूल-कॉलेज भी अभी बंद रह सकते हैं।

रेलवे : आधी ही सीटों पर ही रिजर्वेशन देने पर विचार
सरकार कुछ चुनिंदा रूटाें पर ट्रेनें शुरू कर सकती है। माना जा रहा है कि 30 अप्रैल के बाद भी एकदम से पूरी कैपेसिटी के साथ ट्रेनें शुरू करना मुमकिन नहीं होगा। इसलिए धीरे-धीरे इन्हें शुरू करने की तैयारी है।

हो सकता है कि स्टेशन पर ट्रेन आने से चार घंटे पहले पहुंचना जरूरी किया जाए।
ट्रेनाें में जनरल बाेगी नहीं हाेगी। हो सकता है कि एसी डिब्बे भी न रखे जाएं। सिर्फ रिजर्वेशन होने पर ही यात्रा हो सकेगी।
साेशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए आधी सीटों पर ही रिजर्वेशन दिया जा सकता है।
काेराेना संक्रमण के हाॅट स्पाॅट पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी।
भीड़-भाड़ से बचने के लिए स्टेशनाें पर स्टाॅपेज का टाइम भी दोगुना किया जा सकता है।
हर स्टेशन पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा सकती है।
स्टेशन पर सिर्फ वे पहुंच सकेंगे जिनके पास रिजर्वेशन वाली टिकट है।
भीड़ रोकने के लिए हो सकता है कि प्लेटफाॅर्म टिकट न बेचे जाएं।
उड़ानें : रिपाेर्टिंग टाइम 45 मिनट से बढ़ाकर 2 घंटे किया जा सकता है

घरेलू रूटाें पर बेहद कम संख्या में उड़ानें शुरू करने का विचार है। उड़ानाें के बीच काफी अंतर रखा जा सकता है।
भीड़-भाड़ से बचने के लिए रिपाेर्टिंग टाइम 45 मिनट से बढ़ाकर 2 घंटे किया जा सकता है।
हो सकता है कि एयरलाइंस कंपनियों से कहा जाए कि वे साेशल डिस्टेंसिंग के लिए सभी क्लास में बीच की सीट खाली रखें।
उद्योग मंत्रालय की सिफारिशें : चुनिंदा देशों के लिए उड़ानें शुरू की जाएं
केंद्र के उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार रात एक नोटिफिकेशन जारी कुछ सुझाव दिए हैं। सुझावों में कहा गया है कि सिर्फ ग्रीन जोन में लोकल ट्रांसपोर्ट खोलने की छूट दी जाए, लेकिन रेड और ऑरेंज जोन में लोकल ट्रांसपोर्ट शुरू न करें। भारत से बाहर जाने के लिए स्पेशल और कमर्शियल उड़ानों की ही छूट मिले। चुनिंदा देशों के लिए उड़ान की सीमित छूट रहे।

तीन जाेन बनाने का सुझाव

रेड जोन: हॉटस्पॉट वाले जिले, वहां पहले की तरह सबकुछ बंद रहे।
ऑरेंज जोन: जिन जिलों में नए मरीज नहीं आ रहे, पुराने मरीज बेहद कम।
ग्रीन जोन: संक्रमण मुक्त जिले, वहां व्यापारिक गतिविधियां शुरू करें।
लॉकडाउन क्यों जरूरी?
सरकार का कहना है कि अगर लॉकडाउन नहीं होता तो देश में अब तक कोरोनावायरस के 8.2 लाख केस सामने आ चुके होते। भारत कोरोनावायरस की तीसरी स्टेज यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन में पहुंच जाता, जिसमें कोरोना फैलने के सोर्स का पता नहीं लगता और बड़ी तादाद में लोग संकमित हो जाते हैं।

कोरोना पर अब तक मोदी के 3 संदेश

पहला: प्रधानमंत्री ने 19 मार्च को देश को संबोधित किया था और जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही थी। 22 मार्च को देशभर में सबकुछ बंद रहा। शाम को लोगों ने घरों के अंदर से ही कोरोना फाइटर्स का ताली और थाली बजाकर आभार जताया था।
दूसरा: मोदी ने 24 मार्च को संबोधित किया और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लोग घरों में रहने की लक्ष्मण रेखा का पालन करें।
तीसरा: प्रधानमंत्री मोदी ने 3 अप्रैल को एक वीडियो संदेश जारी किया। इस दौरान लोगों से 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बंद कर घरों में दीये, मोमबत्ती और मोबाइल की लाइट जलाकर एकजुटता दिखाने की अपील की थी।(इनपुट भास्कर)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity