शबेबरात के मौके पर भी लॉक डाउन का मूसलमानो ने किया पालन
। शब ए बरात आज सूर्यास्त के बाद से होगी। इसे लेकर इमारत ए शरिया सहित मधेपुरा के सभी मस्जिदों की ओर से एलान कर दिया गया है। सभी एदारों की ओर से देशभर में लागू लॉकडाउन का अनुपालन करते हुए घरों में इबादत करने की अपील की गई है। इस इबादत के साथ कोरोना वायरस जैसी महामारी से निजात और देश की खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए दुआएं करने की अपील भी की गई है।
एदारों की ओर से कहा गया है कि शब ए बरात की रात मस्जिदों में न जाकर अपने घरों में ही इबादत करें। इसके अलावा शब ए बरात के मौके पर कतई आतिशबाजी ना हो। इसे हराम बताया गया है। जदयु के बिहार के बुद्धिजीवी प्रकोष्ट के उपाध्यक्ष डॉ प्रो मो गुलहसन ने अपील की है कि लॉकडाउन का अनुपालन करते हुए घरों में नमाज अदा करें। मस्जिदों में न जाएं। क्रब्रिस्तान न जाकर घरों से ही मरहूमों के इसले सवाब के लिए दुआएं पढ़ें। शब ए बारात को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तैयारियां पूरी कर ली है।
ये है गुनाहों से तौबा की रातः मौलाना सुफ़यान साहब ने बताया जाता है कि ये रात बड़ी अजमत और बरकत वाली होती है। इस रात में अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी जाती है। इस दिन मुस्लिम घरों में तमाम तरह के पकवान जैसे हलवा, बिरयानी, कोरमा आदि बनाया जाता है। इबादत के बाद इसे गरीबों में भी बांटा जाता है। शब-ए-बारात की रात को इस्लाम की सबसे अहम रातों में शुमार किया जाता है
क्योंकि इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, इंसान की मौत
और जिंदगी का फैसला इसी रात को किया जाता है।
इसलिए इसे फैसले की रात भी कहा जाता है।