15 महीने तक MP के ताज पर राज करने वाले कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में करीब दो सप्ताह से जारी सियासी संकट का पटाक्षेप हो गया और कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार को शक्ति परीक्षण का सामना किए बगैर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कमलनाथ ने ऐलान कर दिया कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कमलनाथ ने जाकर राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंपा। इस इस्तीफे में राज्यपाल को कमलनाथ ने पिछले दो सप्ताह में हुई सियासी घटनाक्रम की ओर इशारा किया है और इसे प्रजातांत्रिक मूल्यों के अवमूल्यन का एक नया अध्याय बताया।

राज्यपाल लालजी टंडन को लिखे त्यागपत्र में कमलनाथ ने लिखा, ‘मैंने अपने 40 साल के सार्वजनिक जीवन में हमेशा से शुचिता की राजनीति की है और प्रजातांत्रिक मूल्यों को सदैव तरजीह दिया है। मध्य प्रदेश में पिछले दो हफ्ते में जो कुछ भी हुआ, वह प्रजातांत्रिक मूल्यों के अवमूल्यन का एक नया अध्याय है।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं। साथ ही नए बनने वाले मुख्यमंत्री को मेरी शुभकामनाएं। मध्य प्रदेश के विकास में उन्हें मेरा सहयोग सदैव रहेगा।’

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम पांच बजे तक मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करने को कहा था। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही आज दोपहर 2 बजे शुरू होने वाली थी, मगर शक्ति परीक्षण से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी।

कैसे संकट पैदा हुआ
मालूम हो कि ज्योतिरादित्या सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के 11 मार्च को विधायक के पद से अपना त्यागपत्र देने से सियासी संकट पैदा हुआ। इनमें से छह के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत कर लिये थे, जबकि 16 बागी विधायकों के इस्तीफे कल देर रात को मंजूर हुए थे। इससे कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आ गई थी। ये सभी विधायक वर्तमान में बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity