हैदराबाद. तेलंगाना विधानसभा में शनिवार को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू करने की प्रक्रिया पर हंगामा देखने को मिला। राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने कहा कि उनके पास अपना जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) तक नहीं है। ऐसे में अगर उनके पिता का प्रमाण पत्र मांगा जाए, तो उसे कैसे बनवाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा- देश के गरीब लोग इस तरह के दस्तावेज कहां से लाएंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से नागरिकों के लिए एक राष्ट्रीय पहचान पत्र पेश करने की मांग की।
विधानसभा में 1 अप्रैल से एनपीआर की प्रक्रिया शुरू होने पर दस्तावेजों की जरूरत पर जारी बहस के दौरान उन्होंने कहा, “मेरे पास सरकारी जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। मैं एक ऐसे गाँव में पैदा हुआ था, जहां कोई अस्पताल नहीं था। तब हम उस गांव के पुजारी से अपना नाम लिखवाते थे। मेरे पास पुजारी के हाथ का लिखा हुआ पत्र मौजूद है। जब मेरे पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, तो देश के लाखों दलित, पिछड़े और गरीबों के पास ऐसा दस्तावेज कैसे होगा?” केसीआर ने कहा- मेरे पिता के पास भी कोई जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को मेरी सलाह है कि वो एक राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करे।
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री राव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाली एनपीआर की प्रक्रिया को देखें, तो लगता है कि हमें सरकारी अफसरों की दया पर छोड़ दिया गया है। इससे गरीब सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। राज्य में एनपीआर को स्थगित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री केसीआर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के मुद्दे पर विधानसभा का एक अलग सत्र बुलाने की बात भी कही। इसमें सभी विधायक सीएए को लेकर अपनी राय रख सकते हैं।