धर्म के आधार पर राष्ट्रीयता तय नहीं की जानी चाहिए- पद्मश्री वासे

*विचार गोष्ठी में जेएनवीय के पूर्व वीसी, अलवर विवि के पूर्व वीसी सहित*
*कई प्रबुद्धजनों ने एनआरसी, सीएए व एनीपीआर के विरोध में रखें विचार*

।अशफाक कायमखानी।जोधपुर 27 जनवरी।
एनआरसी, सीएए, एनपीआर* से हमारा विरोध इतना ही है कि धर्म के आधार पर राष्ट्रीयता को निर्धारित नहीं किया जा सकता है।

यह कहना है *पद्मश्री प्रोफेसर अख्तरूल वासे का। वे आदर्श मुस्लिम फाउन्डेशन एवं संविधान बचाओ सामाजिक समरसता बढ़ाओ समिति जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में एनआरसी, सीएए व एनपीआर का विरोध प्रकट करने के लिए ‘साम्प्रदायिक सद्भावना सत्याग्रह‘* के तहत रविवार को कमला नेहरू नगर स्थित *मौलाना आजाद कैम्पस के बापू अब्दुल रहमान हाॅल* में आयोजित विचार गोष्ठी में बोल रहे थे।

*प्रोफेसर वासे* ने कहा कि किसी भी समुदाय के व्यक्ति की राष्ट्रीयता को शोषण व दमन के आधार पर तय किया जाना चाहिए न कि धर्म के आधार पर। निरक्षता, साम्प्रदायिकता, असमानता, पक्षपात और बेईमानी से आजादी मांगना गद्दारी नहीं हो सकती है।

*सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली के उपमंत्री व कार्यक्रम संयोजक रामसिंह आर्य* नेे कहा कि हम मोदी व शाह के सीएए व एनआरसी जैसे बिल देश में लागू कर साम्प्रदायिक माहौल खराब करने की मंशा कभी पूरी नहीं होने देंगे। इसके लिए जोधपुर के बाद पूरे राजस्थान में इस कानून का विरोध किया जाएगा।

*जेएनवीयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीएस राजपुरोहित* ने कहा कि मोदी सरकार कालाधन व देश को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए तो कुछ कर नहीं रही सिर्फ हिन्दू- मुस्लिम की राजनीति कर रही है।

*आदर्श मुस्लिम फाउन्डेशन के चैयरमेन सलीम खिलजी* ने कहा कि देश के लोगों के मन में जो आशंकाए घर कर गई है जो जुबानी वादों से निकलनी वाली नहीं है। देश के नागरिकों को सरकार से अब ठोस आश्वासन चाहिए। सरकार को यह घोषणा करनी चाहिए कि जिन नागरिकों के पास वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट या कोई भी वैध दस्तावेज है उसे भारत का नागरीक माना जाए।

*अलवर विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर केडी स्वामी* ने कहा कि यह झूठी अफवाह फैलाई जा रही है कि इस बिल का विरोध सिर्फ मुस्लिम लोग कर रहे हैं। देश को धर्म के आधार पर बांटने का काम किया जा रहा है, जो संविधान के खिलाफ है।

*जेएनवीयू जोधपुर के पूर्व सिंडिकेट मेंबर प्रोफेसर डीएस खींची* ने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार बधाई की हकदार है, जिसनें संविधान को बचाने में अपना अमूल्य योगदान देकर विधानसभा में सीएए व एनआरसी बिल के विरोध में प्रस्ताव लाए।

*मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के पूर्व महासचिव मोहम्मद अतीक* ने कहा कि अपना विरोध प्रकट करने के दौरान किसी की तरफ से भी ऐसा कोई कार्य नहीं होना चाहिए जिससे की सामाजिक सौहार्द्र और राष्ट्रीय एकता को क्षति पहुंचे।

पूर्व में *नारायण सिंह आर्य ने ‘मेरे वतन को बदनाम न करो व अंत में विनोद गहलेात ने ‘हम कागज नहीं दिखायेंगे‘* जैसी देशप्रेम से ओतप्रोत खूबसूरत कविताएं पढ़ी। छात्र फरहान ने संविधान की उद्देशिका पढकर कार्यक्रम की शुरूआत की।

*जेएनयू दिल्ली के प्रोफेसर भरत कुमार, समाजसेवी संदीप मेहता, कॉमरेड गोपीकिशन सहित कई प्रबुद्धजनों* ने भी अपने विचार रखें। इस विचार गोष्ठी में *पूर्व डीएफओ इस्हाक अहमद मुगल, पूर्व आरएएस निसार अहमद, अनवर अली खान, ईद मीलादुन्नबी जलसा समिति जोधपुर के अध्यक्ष हाजी हमीमबक्ष, आर्य वीर दल जोधपुर के अध्यक्ष हरीसिंह आर्य, संचालक उम्मेद सिंह आर्य, जोधाणा मुस्लिम जागरूक मंच के अध्यक्ष साजिद खान, सरपरस्त इरफान कुरैशी, सदस्य ताजदार अब्बासी, यासीन, शकील अहमद, राजस्थान मुस्लिम परिषद के अध्यक्ष नसीम अली रंगरेज, जोधपुर डिस्कॉम इंटेक के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, जिला मुक्केबाजी एसोसिएशन के सचिव पूनम सिंह शेखावत, युवा नेता दानिश फौजदार, नारायण सिंह आर्य,* सहित कई समाजसेवी, प्रबुद्धजन, शिक्षाविद, युवा वर्ग एवं महिलाएं उपस्थित थी।

*सभी ने एक साथ इस आन्दोलन को जनजागरण अभियान देने का संकल्प लिया ताकि आमजन भी इस कानून से भविष्य में होने वाले खतरे से अवगत हो सकें।* संचालन सलीम खिलजी ने किया। धन्यवाद मोहम्मद अतीक ने दिया।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity