नागरिक संशोधन एक्ट के विरोध में उमड़ा जन सैलाब, देशव्यापी आंदोलन में बदल गया

खुर्रम मालिक

जैसा के आप सबको पता है के देश की मौजूदा सरकार ने दो दिन पहले एक कानून पास किया है जिसे CAB citizen ship amendment bill का नाम दिया गया है, जो अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही CAA (Citizenship Amendment Act) हो गया है। जिस में सरकार ने कहा है के पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, और बांग्लादेश से आ कर जितने भी हिन्दू, सिख, ईसाई,जैन,बौद्ध धर्म के लोग जो भारत में रह रहे हैं उन सबको भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। लेकिन इस बिल में कहीं भी यह नहीं लिखा गया है के जो मुसलमान इन देशों से आ कर भारत में बस गया है उसे भी हम भारत की नागरिकता प्रदान करेंगे। जिस के नतीजे में देश भर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। और इसी क्रम में आज बिहार की प्रमुख राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बंद का आयोजन किया था ,

Citizenship Amendment Act और NRC के विरोध में राजद द्वारा बुलाई गई बिहार बंद का आम जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। मेन सड़कों के साथ-साथ गलियों और मोहल्लों में भी ज़िन्दगी थमी सी दिखी।

इस बंद को कामयाब बनाने के लिए राजद के क़द्दावर नेता सुबह 10 बजे से ही सड़क पर उतर गए थे जिनमें क़ाबिल-ए-ज़िक्र एजाज़ुल्लाह खान, मोहम्मद महताब आलम और शिव मेहता हैं।

बंदी की शुरुआत पटना सिटी के चौक शिकार पुर से सिटी चौक होते हुए मारूफगंज मंडी को बंद कराया गया। फिर पश्चिम दरवाज़ा और गुलजारबाग मंडी होते हुए
शहीद भगत सिंह चौक पर समापन हुआ।

आप को बता दें के इस बिल के विरोध में देशव्यापी आंदोलन हो रहे हैं। ख़ास तौर से उत्तर पूर्व राज्यों के लोगों का प्रदर्शन बहुत तेज़ हो रहा है। यह बिल संविधान विरोधी है। इस से ग्रह युद्ध होने की आशंका जताई जा रही है।पूरे देश में एक अजीब सी बेचैनी पाई जा रही है।ख़ास तौर से भारत का मुस्लिम समाज ख़ुद को ठगा महसूस कर रहा है। पटना के अलग अलग हिस्सों में यह जुलूस निकाला गया है,इस जुलूस में शामिल लोगों का कहना है के यह बिल मुस्लिम विरोधी है।इस से अनार्की फैलने की आशंका है।इस लिए भारत सरकार इस बिल को वापस ले। और देश की चरमराती अर्थ्यवस्था पर अपना ध्यान केंद्रित करे।

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