Mohammad Seemab Zaman
आज सोशल मिडिया पर देख रहे हैं लोग NRC/CAB पर ऐहतजाज की बात कर रहे हैं तो कोई मौलवी या रहनुमाओ को बूरा भला कह रहा हैं। वह सब ठीक है मगर आज तक किसी मुस्लिम ने या किसी मौलवी ने नही लिखा के रोड पर आकर ऐहतेजाज के बदले “दो रिक्त” नेमाज़ पढ़ी जाये और दुआ हो कि अललाह ख़ौफ़ और बरबादी से बचाये और जो मूल्क या मुस्लिम दुश्मन लोग है उन को हिदायत दे के सही फैसला ले वग़ैरह वग़ैरह ………………
मौलवी लोगो से मेरी गुज़ारिश है आप रोड पर नही तो कम से कम अपने मस्जिद मे ही मग़रीब और अेशॉ के बीच सनिचर/ऐतवार को इस नेमाज का ऐलान कर ऐहतमाम से “नेमाज़े इसतखासा/नेमाज़े हाजत/क़ूनूते नाज़ला” पढ़े और देखे दूसरों पर कैसा ख़ौफ़ तारी होता है। मगर जो मुस्लिम आज आप को बूरा भला कह रहे हैं वह ख़ूद उस नेमाज मे शामिल नही होंगे, वह सिर्फ़ बोलते हैं।
बूरा नही मान्ना जब अमेरिका मे टावर 2001 (9/11) मे गिरा था तो हम ने कई दिन ऐसी नेमाज मस्जिद मे सऊदी अरब मे पढ़ी है जब राष्ट्रपति बुश ने धमकी दी थी “you are either with us or against us ……….” उस नेमाज़ और दुआ का असर यह हुआ के सब बच गये वरना “साज़िशी दिमाग़” तो तुर्की से इंडोनेशिया तक को बमबारडमेनट करवाने वाले थे।
और भी कई बार हम ने किसी दूसरे मौका पर वहॉ पढ़ी है। आज लोग देर ही से सही मगर नतिजा देख रहा है अमेरिका/यूरोप का ताज उड़ गया और कहीं तीन-तीन चुनाव के बाद भी सरकार नही बन रही है। भारत मे मुस्लिम को यही करने की ज़रूरत है न की रोड पर आकर ऐहतजाज करने की। सरकार तो चाह ही रही है आप रोड पर आओ और वह आप को देशद्रोही और आतंकवादी साबित करे।