पॉपुलर फ्रंट के कथित मंसूबे को लेकर एएनआई की कहानी सरासर बेबुनियाद,गलत और अत्यंत आपत्तिजनक

प्रेस रिलीज़,18 नवंबर 2019,नई दिल्ली:कल शाम एएनआई न्यूज़ एजेंसी द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ख़िलाफ एक बदनाम करने वाली ख़बर प्रकाशित की गई, जिसमें एक काल्पनिक साज़िश के बारे में बताया गया है कि संगठन से सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अब्दुल नज़ीर और उनके परिवार की जान को ख़तरा है। पॉपुलर फ्रंट के महासचिव एम. मोहम्मद अली जिन्ना ने इस कथित आरोप का कड़े शब्दों में खंडन किया और कहा कि यह संगठन की छवि खराब करने की एक कोशिश है। इस तरह के आरोप को हरगिज़ क़बूल नहीं किया जा सकता। यह बड़े आश्चर्य की बात है कि एएनआई के किसी भी रिपोर्टर ने या संपादकीय स्टाफ के सदस्य ने इस तरह का गंभीर आरोप प्रकाशित करने से पहले हमारा स्टैंड जानने की कोशिश तक नहीं की और ना ही हम से संपर्क किया। उसके बाद हमने तुरंत एजेंसी से संपर्क किया लेकिन एजेंसी ने ख़बर में हमारे बारे में कही गई झूठी बातों को अब तक दुरुस्त नहीं किया और ना ही हटाया। दूसरी और कुछ दूसरे न्यूज़ पोर्टल्स और अख़बारों ने भी हमारा स्टैंड जानने की कोशिश किए बिना वही ख़बर प्रकाशित कर दी।

ख़बर में लिखा है कि ‘‘सरकार के साथ एनआईए की बातचीत के अनुसार पीएफआई और दूसरे संगठनों से जस्टिस नज़ीर और उनके परिवार को ख़तरे को देखते हुए, सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस उन्हें कर्नाटक और देश के अन्य हिस्सों में ‘‘तत्काल रुप से’’ ‘जेड’ कैटेगरी की सिक्योरिटी देंगी, जैसा कि सुरक्षा एजेंसियों से पता चला है।’’ क्योंकि रिपोर्ट में ‘‘सरकार के साथ बातचीत’’ में किसी विशेष सरकारी एजेंसी या अधिकारी का नाम स्पष्ट नहीं किया गया है इसलिए पूर्ण रूप से इस ख़बर की ज़िम्मेदार एएनआई एजेंसी और ख़बर प्रकाशित करने वाली दूसरी मीडिया को माना जाएगा।

मोहम्मद अली जिन्ना ने इस आरोप को तत्काल रुप से वापस लेने और बिना किसी शर्त के माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर ख़बर प्रकाशित करने वाली मीडिया ने इस गंभीर मामले में अपनी गैर-ज़िम्मेदारी का सबूत दिया, तो संगठन जनहित और शांति व सद्भाव के लिए नागरिक व अपराधिक धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई करने पर मजबूर होगा।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity