स्तनपान”कितने जागरुक हैं हम?

माँ का दूध बच्चे केलिए अमृत के समान होता है”, माँ के दूध से ना केवल शिशु का पोषण होता है बल्कि यह बच्चे को रोगों से लड़ने मे मदद करता हैl जन्म से पहले छ: महीने तक शिशु को केवल माँ का दूध पिलाना चाहिएl माँ का दूध बच्चे मे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने मे सहायक होता है, माँ के दूध मे लेक्टोफोर्मिंग नामक तत्व होता है, जो बच्चे की आंत मे लौह तत्व को बांध लेता है और लौह तत्व के अभाव मे शिशु की आंत मे रोगाणु पनप नही पातेl माँ के दूध से आए साधारण जीवाणु शिशु की आंत मे पनपते हैं और रोगाणुअो से प्रतिस्पर्धा कर उन्हे पनपने नही देतेl अगर नवजात शिशु को गाय का दूध पीतल के बर्तन मे उबाल कर दिया गया तो उसे लीवर का रोग इडियन चाइल्डहुड सिरोसिस हो सकता हैl इसके आतिरिक्त स्तनपान कराने वाली माँ और शिशु के बीच एक भावनात्मक रिश्ता बन जाता हैl

माँ को स्तनपान के लाभ-:
स्तनपान कराने से माँ को गर्भावस्था के बाद होने वाली शिकायतो से मुक्ति मिल जाती है, इससे तनाव कम होता है, इससे माँ को स्तन कैसर या गर्भाश्य के कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता हैl

स्तनपान कब से कब तक-:
शिशु को जन्म के उपरांत शीघ्र स्तनपान प्रारंभ कर देना चाहीए, शिशु के जन्म के उपरांत माँ के स्तन से निकलने वाले पीले द्रव जिसे “कोलोस्ट्रम” कहते हैं को शिशु को पिलाना चाहिए, यह शिशु को संक्रमण से बचाने और उसकी प्रतिरोधक क्षमता बढाने मे सहायक होता है, यह एक प्रकार का टिका होता हैl शिशु को कम से कम छ: माह तक स्तनपान कराना चाहिए और 2 वर्ष या इससे इसके बाद तक भी उसे हम स्तनपान कराया जा सकता हैl

स्तनपान को लेकर कितने जागरुक हैं हम-:
एक अनुमान के अनुसार 820,000 विश्वस्तर पर 5 साल की उम्र के तहत हो जाती है जिसे स्तनपान से हर साल रोका जा सकता है, कई माँए जो अपने आप को ज्यादा आधुनिक समझती हैं वो भी स्तनपान नही करातीं ज़िसका बुरा प्रभाव शिशु पर पड़ता है,स्वस्थ जच्चा-बच्चा केलिए स्तनपान अतिआवश्यक हैl
लेखक: मो.फैज़ान, छात्र मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी( हैदराबाद)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity