हुई है कैदे मोसीबत से अब रहा ज़ैनब,करेगी शाह की मजलिस अभी बपा ज़ैनब

मुजफ्फरुल इस्लाम,घोसी(मऊ) स्थानीय नगर के बड़ागाँव में रविवार को चेहल्लुम का पर्व मनाया गया।जिसमें इमाम हुसैन के कर्बला में शहीद होने के बाद उनके बाकी बचे परिवार जो बादशाह यज़ीद के द्वारा उनको कैद करके कुफा से शाम ले गए और उनको बन्दी लिया था। एक साल बाद जब शाम के लोगो को पता चला कि ये जो कैदी है। यह कोई और नही बल्कि पैग़म्बर मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन के परिवार के लोग है तो लोगो ने विरोध कर ना शुरू कर दिया । तब जाकर यज़ीद मलऊन ने इमाम हुसैन के बेटे इमाम सज्जाद को बुला कर कहा कि सज्जाद आप को कैद से रिहा किया जाता है। चाहे आप यहाँ रहे या अपने नाना के मदीने चले जाए तो आप ने कहा कि मै अपनी फुफी अम्मा और इमाम हुसैन की बहन ज़ैनब से पूछ कर बताऊगा। आप ने पूछा तो आप ने जवाब दिया की हम पहले अपने भाई की कब्र कर्बला जाए गे । उसके बाद हम अपने नाना के मदीने जाएगे ।वही काफिला जब शाम से छूट कर कर्बला पहुचने की याद में मनाया जाता है।

उक्त सम्बन्ध में शिया लोग उसी की याद में चेहलुम मनाते है। ज्ञात जानकारी के हिसाब से चेहल्लुम कर्बला में यजिदियो द्वारा मोहर्रम की 10 वीं तारीख को इमाम हुसैन और उनके परिवार के बहुत से लोगो को बेदर्दी से क़त्ल कर शहीद करने के बाद उनकी बहन जनाबे जैनम व उम्मे कुलसुम तथा इनके पुत्र सैय्यद सज्जाद जो की इमाम हुसैन के बाद चौथे इमाम हुये के साथ अन्य को बन्दी बनाकर सीरिया के शाम शहर में कैद कर रखा गया था।जब लोगो व बादशाह यजीद की पत्नी जो की जनाबे ज़ैनब की चाहने वाली थी। के दबाव में बादशाह ने इन लोगो को छोड़ दिया।इनके कर्बला में उर्दू महीने सफ़र की 20 तारीख को पहुचने की याद में चेहल्लूम मनाया जाता है।बताया की आज के दिन से तीन दिन तक शहीदों की मजलिस कर,ताजिया और अलम का जुलुस निकाला कर ,मातम कर श्रद्धाजंलि अर्पित किया जाता है।इसी दिन बचे और लुटे खेमे के लोगो ने पूरी दुनिया को कर्बला के दर्दनाक मनज़र और बादशाह यजीद द्वारा शाम में उनके साथ जो भयानक जुल्म किया गया था को बताया गया।हर कोई फुट-फुट कर रोया था।बताया जाता है कि आज के दिन कर्बला में इमाम हुसैन और उनके परिवार के लोगो को श्रद्धाजलि देने के लिये करोडो की संख्या में लोग कर्बला पहुचते है।इनमे हर धर्म और सम्प्रदाय के लोग होते है इस के बाद अंजुमनों ने नोहा खानी की

मज़ार शहपे है ज़ैनब का ये बया भईया
कि लूट के आई है ज़हरा की बैटिया भईया
वतन से पहले ये जाए गी कर्बला जैनब
पढ़े गी भाई कि तुर्बत पे फातेहा जैनब

नोहा पढ़ते लोग इमाम हुसैन और उन के परिवार के लोगो को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर शमीम हैदर, अज़हर हुसैन,अहमद औन,जौहर अली,नज़र हुसैन, फैजुल हसन, सैयद असगर इमाम, अलमदार हुसैन, मौलाना मुज़ाहिर हुसैन, दुरुल हसन, मौलाना सैयद अली फाकरी, नसीम अख्तर, मज़हर नेता, मास्टर अली असगर, शफकत तक़ी, सैयद नौशाद अली, शिवपूजन माली आदि लोग मौजूद रहे।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity