फ़ातेमा के चैन इब्ने मुर्तज़ा ऐ ग़रीबे कर्बला अलवेदा*ये बहन तुझको कफ़न ना देसकी*धुप में जलता रहा लाश तेरा*

मुजफ्फरूल इस्लाम,घोसी(मऊ)।घोसी नगर के बड़ागाव की प्रसिद्ध 10 वीं मोहर्रम का जुलुस गम व मातम के बीच पूरे रीति रिवाज के साथ मंगलवार की शाम को राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित शिया कर्बला में आकर समाप्त हुआ।इस अवसर पर अंजुमनों द्वारा नौहखानी व छुरी,जंजीर का मातम पेश किया गया।कर्बला के शहीदों की याद में पेस नौहा खानी पर वहा मौजूद हर शख्स की आखे नम हो जारही थी।कर्बला पहुचने के बाद सभी ताजियों को दफन करने और शामे गरीबा के बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ।

घोसी नगर में प्रसिद्ध 10 वीं मोहर्रम का जूलूस सोमवार की देर रात्रि अब्बासी बीबी के फ़ाटक से प्रारम्भ होकर नीम तले ,छोटे दुआरे,सोनार टोली,मोहल्ला होते हुये नौहा खानीअंजुमनों ने हिस्सा लिया अंजुमन मसुमिया कदीम,अंजुमन इमामिया.दस्तए मसुमिया,ने नोहा खानी किया मातम के बीच।
1लिखा है खत में सुगरा ने ये दर्द का मन्ज़र
बगैर आप के वीरान है ये घर बाबा

2 गुज़र रहे है ये सबो रोज़मेरे ये रो रो कर
बगैर आप के वीरान है ये घर बाबा

धीरे धीरे बड़ागाव बाजार स्थिय जानकी मन्दिर के सामने चौक पहुच कर समाप्त हुआ।मंगलवार की दोपहर को पुनः ताजिया जुलुसअकीदत के साथ प्रारम्भ हुआ और गम और मातम के बीच परम्परागत रास्तो से होते हुये शाम नीमतले होते सदर इमामबड़ा पहुच कर समाप्त हुआ।शिया समुदाय के लोग नंगे पाव चल रहे थे।इस के अलावा अंजुमन सज्जादिया ने भी ताबुत व अलम का जूलुस अज़खानाये अबुतालिब से निकाला ये जूलुस ताज़िया के आगे आगे चलता है।
1 कहा सै ने रो रो के ऐ कर्बला ज़ईफी में कोई सहारा नही

2 गरीबुल वतन हु वतन दुर है इस आलम में कोई हमारा नही
इसी कड़ी में घोसी नगर स्थित,धरौली स्थित गाँव एवं
बैसवाड़ा में भी मोहर्रम का जुलुस शांति पूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर सय्यद कुल्लन मिया,सय्यद असगर इमाम,गज़नफर अब्बास,शमीम हैदर,मज़हर नेता,इस्तेयाक सेठ,अहमद उर्फ़ फुलचन,अलमदार,शजीद जाहिदी,गमखार हुसैन,जौहर अली,इफ़्तेख़ार अहमद आदि लोग उपस्थित रहे।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity