मिल्लत टाइम्स,पटना:बिहार कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में फैसला लिया गया कि बिहार में रहने वाली संतान अगर अब मां-पिता की सेवा नहीं करेंगे तो उनको जेल की सजा हो सकती है। माता-पिता की शिकायत मिलते ही एेसी संतान पर कार्रवाई होगी। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इतना ही नहीं, वृद्धजन पेंशन के आवेदन पर 21 दिन में निर्णय लेना होगा।
15 प्रस्तावों पर लगी मुहर
मंगलवार को बिहार कैबिनेट की हुई बैठक में कुल 15 प्रस्तावों पर मुहर लगायी गई, जिसमें कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी घटनाओं में शहीद बिहारी जवान के आश्रितों को बिहार सरकार ने नौकरी देने का फैसला लिया है। इसके तहत भागलपुर के शहीद रतन कुमार ठाकुर और बेगूसराय के पिंटू कुमार सिंह के आश्रितों को नौकरी दी जाएगी।
आवेदनों को लटका कर नहीं रखा जा सकेगा
प्रदेश में एक अप्रैल 2019 के प्रभाव से लागू की गई वृद्धजन पेंशन योजना के आवेदनों को अब लटका कर नहीं रखा जा सकेगा। किसी भी बुजुर्ग द्वारा दिए गए आवेदन का निपटारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को 21 दिनों के अंदर करना होगा। वृद्धजन पेंशन योजना को सरकार ने बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम 2011 के दायरे में ला दिया है।
लोक सेवाओं के अधिकार कानून से जोड़ा गया है
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के वैसे बुजुर्ग जिन्हें कहीं से कोई पेंशन नहीं मिल रही है, उनके लिए वृद्धजन पेंशन योजना की शुरुआत की गई है। 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को 400 रुपये और 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को 500 रुपये मासिक पेंशन दी जानी है। महत्वपूर्ण योजना से कोई बुजुर्ग वंचित न रहे, इसके लिए इस नई योजना को लोक सेवाओं के अधिकार कानून से जोड़ा दिया गया है। योजना के लाभ के मिले आवेदन का निपटारा 21 कार्य दिवस में करने की बाध्यता होगी।
पुलवामा, कुपवाड़ा शहीद के एक परिजन को नौकरी
मंत्रिमंडल ने कश्मीर के पुलवामा और कुपवाड़ा में बिहार के शहीद सपूत भागलपुर के रतन कुमार ठाकुर, पटना के संजय कुमार सिन्हा और बेगूसराय के शहीद पिंटू कुमार के किसी एक परिजन को सरकारी नौकरी में नियुक्त करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। परिजन की नियुक्ति उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर तृतीय अथवा चतुर्थ वर्गीय श्रेणी में हो सकेगी। शहीद जवान की पत्नी परिवार के जिस सदस्य के नाम की अनुशंसा करेंगी उन्हें सरकारी नौकरी में नियुक्त किया जाएगा।
माता-पिता की शिकायत का निपटारा डीएम करेंगे
समाज कल्याण विभाग के एक प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने 2007 में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम में संशोधन किया है। पूर्व में बच्चों द्वारा प्रताडि़त किए जाने वाले माता-पिता को न्याय के लिए जिलों के परिवार न्यायालय में अपील करनी होती थी। जहां सुनवाई प्रधान न्यायाधीश के स्तर पर होती थी। अब माता-पिता जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित अपील अधिकरण में अपील करेंगे। डीएम ही मामले की सुनवाई करेंगे।
किसान सलाहकारों का मानदेय बढ़ाया गया
राज्य सरकार ने किसानों को सलाह देने के लिए प्रदेश स्तर पर 6404 किसान सलाहकारों की सेवा ले रखी है। पूर्व में किसान सलाहकारों को मानदेय के रुप में दो रुपये दिए जा रहे थे। जिसे मंत्रिमंडल की सहमति के बाद बढ़ा दिया गया है। किसान सलाहकारों को अब दो सौ के स्थान पर एक हजार रुपये आकस्मिकता मद में दिए जाएंगे। मंत्रिमंडल ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 95.22 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
बीच विस्तार योजना के लिए 76.56 करोड़
मंत्रिमंडल ने गुणवत्ता पूर्ण बीजों की पहुंच सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में करने और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के लिए 76.56 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। स्वीकृत राशि इस वर्ष खर्च की जा सकेगी।
प्रमुख प्रस्तावों पर लगी मुहर….
-मुख्यमंत्री वृद्धा पेंशन योजना को राइट टू सर्विस एक्ट में जगह दी गई है।
-गुणवत्ता पूर्ण बीज के लिए 76.56 करोड़ रुपये स्वीकृत।
-सुपौल में हाइड्रो पावर का एक्सटेंशन स्टेशन बनेगा,130 मेगावाट का होगा उत्पादन।
-डागमरा जल विद्युत परियोजना का एक्सटेंशन, कुल 11.68 करोड़ की स्वीकृत
-राज्य खाद्य आयोग के सदस्यों के आवास भत्ता में संशोधन, आवास भत्ता में हुई वृद्धि।
-बिहार नगर तथा निवेशन सेवा नियमावली 2019 की स्वीकृति
-भागलपुर में गंगा नदी पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुलनिर्माण 4 लेन बनेगा नया ब्रिज