मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:एक मुस्लिम मध्यम वर्ग परिवार की एक बेटी ने समाज को इंसाफ का आईना दिखाने के लिये और असमानता को दूर करने का सपना देखने वाली अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा अनम रईस खान ने जज बनकर अपना अधूरा सपना पूरा किया है।
अनम रईस खान ने दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा में 71वीं रैंक के साथ कामयाबी हासिल की है। अनम ने एएमयू से प्लस टू परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 2015 मे बीए एलएलबी परीक्षा उत्तीर्ण की। कांस्टीटयूशनल लॉ में गोल्ड मेडल हासिल किया। 2016 में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलएम किया। यूजीसी और नेट पास किया। पढ़ाई के दौरान वह एएमयू ईकोक्लब की सदस्य और लॉ सोसायटी की सचिव भी रही हैं। 2013 में दिल्ली की बार काउंसिल में नामांकन कराया।
अनम नगर पालिका के उपाध्यक्ष रहे स्वर्गीय रशीद खां मजनू मियां की पौत्री हैं। अनम के पिता एआर खान रिटायर्ड रेलवे स्टेशन मास्टर हैं तो मां समीना खान एएमयू अंग्रेजी विभाग में प्रोफेसर हैं।
शादी के बाद अनम ने पति से दिल्ली न्यायिक सेवा की परीक्षा देने की जिद की। उनके पति आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। अनम ने पहले प्रयास में ही यह कामयाबी पाई है। अनम का कहना है कि बड़े होकर उसकी ख्वाहिश जज बनने की थी।(इनपुट इंकलाब)