अशफाक कायमखानीजयपुर।
राजस्थान भाजपा के तेज तर्रार नेता व सिनीयर विधायक राजेन्द्र राठौड़ के निकट सहयोगी व चूरु जिला प्रमुख हरलाल सहारण को आखिरकार प्रदेश की सत्ता परिवर्तन के बाद दसवीं की फर्जी अंकतालिका से पंचायती राज चुनाव लड़ने के आरोप मे जयपुर के जालूपुरा थाने से चूरु पुलिस ने गिरफ्तार करके सबको सकते मे ला दिया है।
जानकारी अनुसार चूरु के भाजपा विधायक विपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठोड़ के वसुंधरा राजे की सरकार के समय मंत्रीमण्डल के वरिष्ठ सदस्य होने के समय चूरु के ढाढर गावं के पूर्व सरपंच चिमनाराम कालेर ने हरलाल सहारण के उतराखण्ड के एक शिक्षण संस्थान की दसवीं की फर्जी अंकतालिका से चुनाव लड़ने से राज्य सरकार को अवगत करवा कर कार्यवाही करने की मांग की थी। लेकिन भाजपा सरकार के समय राठौड़ के दाहिने हाथ माने जाने वाले सहारण के खिलाफ उसकी एक नही चली। समय पर न्याय नही मिलने पर चिमनाराम ने पहले हरलाल सहारण मामले मे उच्च न्यायालय मे अर्जी दायर थी। वहां भी समय पर न्याय नही मिलते देख चिमनाराम कालेर ने फिर चूरु मे मुख्य न्यायीक मजिस्ट्रेट के यहां भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 420, 467, 468, व 471 के अंतर्गत इस्तगासा 15-जनवरी-2019 को दायर किया। जिस पर न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु करने पर अपराध होना सिद्ध पाने के बाद चूरु पुलिस के जिला प्रमुख हरलाल सहारण को गिरफ्तार करने के बाद खासतौर पर भाजपा राजनीति का पारा एकदम से चढ गया है। राजेन्द्र राठौड़ ने हरलाल सहारण को चूरु लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार बनाने के लिये भी बडी कोशिशे की थी। लेकिन मोजूदा सांसद राहुल कस्वां की ऊंची पहुंच व जनाधार के चलते आखिरकार राहुल कस्वा ही टिकट पाने मे कामयाब रहे।
हालांकि चूरु मुख्य न्यायीक मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ जिला प्रमुख व भाजपा नेता हरलाल सहारण द्वारा उपरी अदालत मे अर्जी लगाने पर अदालत द्वारा उनकी अर्जी खारिज करने के बाद पुलिस ने उन्हें जयपुर से गिरफ्तार किया है। सहारण ने पंचायती राज चुनाव के दौरान शपथ पत्र मे दसवीं कक्षा उत्तीर्ण की जो अंकतालिका लगाई थी। वह 2010 मे उतराखण्ड विधालय शिक्षा परिषद की बताई गई थी। लेकिन उत्तराखंड विधालय शिक्षा परिषद ने पहले सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत तथा बाद मे कोर्ट मे यह बता दिया था कि सहारण ने जो अंकतालिका लगाई है। वह उनकी ओर से जारी नही की गई है।
कुल मिलाकर यह है कि चूरु से भाजपा जिलाप्रमुख हरलाल सहारण को भाजपा सरकार के समय राजेन्द्र राठौड़ की राजनीतिक पहुंच के चलते गिरफ्तारी से बचाये रखा। लेकिन राज्य मे सत्ता परिवर्तन के बाद हरलाल सहारण की आखिरकार फर्जी अंकतालिका से पंचायत राज चुनाव लड़ने के मामले मे गिरफ्तारी होने को राजनीतिक टिकाकर राठौड़ को व्यक्तिगत क्षति होना बता रहे है। जबकि गिरफ्तारी के बाद राजेन्द्र राठौड़ का तो अधिकारीक ब्यान नही आया है। लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष ने इस गिरफ्तारी को गलत बताते हुये भाजपा की बैठक बूलाने की बात कही है।