चुनाव आयुक्त लवासा के विरोध के बाद मोदी को क्लीन चिट देने पर फिर से होगा विचार

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में नीति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय को क्लीन चिट देने के मामले में फिर से विचार करने का फैसला किया है। आयोग ने चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के विरोध के बाद इस मामले पर फिर से विचार विमर्श करने का फैसला किया।
पिछले सप्ताह चुनाव आयोग ने कांग्रेस के उस शिकायत का निपटारा किया गया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से चुनावी सभा के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की बात कही गई थी। कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा था कि महाराष्ट्र के लातूर, गोंदिया और वर्धा में चुनाव रैली से पहले पीएमओ की तरफ से सूचना एकत्रित करने में नीति आयोग का दुरुपयोग करने की बात कही थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बातचीत करते हुए 12 मई को डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर संदीप सक्सेना ने पत्रकारों को बताया था कि चुनाव आयोग को कांग्रेस की शिकायत में कोई मेरिट नहीं दिखाई दी। संडे एक्सप्रेस को यह पता लगा कि चुनाव आयोग ने अपना फैसला चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के आग्रह के बावजूद दिया था।

लवासा ने इस मामले में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगने को कहा था कि क्या उन्होंने गोंदिया, वर्धा और लातूर के कलेक्टरों से सूचना मांगी थी। क्या इस सूचना का प्रधानमंत्री के दौरे के लिए प्रयोग किया गया था। पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस शिकायत को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शिकायत को खारिज कर दिया था।

इन लोगों का मानना था कि अक्तूबर 2014 से पीएम को चुनावी यात्रा के साथ आधिकारिक यात्रा करने की छूट है। लवासा ने इस पर सवाल उठाए थे कि किस तरह से पूरे तथ्यों के अभाव के बावजूद फैसला लिया जा सकता है।

(इनपुट जनसत्ता )

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity