मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाह ने आज यूनियन मिनिस्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का उपेन्द्र ने साथ छोड़ दिया है। इससे पहले ही उपेन्द्र ने कहा था कि वो एनडीए की बैठक में नहीं शामिल होंगे। ऐसे में इससे बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। वहीं रालोसपा प्रमुख पिछले कुछ दिनों से भाजपा और उसके सहयोगी दल के नेता, बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं।
कम सीटें है नाराजगी की वजह ?
गौरतलब है कि रालोसपा को 2019 लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के इशारों के बाद से उपेन्द्र कुछ नाराज से दिख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा – जदयू के बीत बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बनी है।
Rashtriya Lok Samta Party (RLSP) chief Upendra Kushwaha resigned as a Union Minister on Monday, sources said, amid speculations that the RLSP would split from the NDA
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— ANI Digital (@ani_digital) December 10, 2018
एनडीए से भिड़ेंगे उपेन्द्र ?
बता दें कि उपेन्द्र कुशवाह ने इससे पहले बिहार में एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ने के भी संकेत दिए थे। वहीं पिछले दिनों मोतिहारी में उन्होंने कहा था कि लोग हमारे भविष्य की रणनीति को लेकर आस लगाए बैठे हैं। उनको मैं साफ करना चाहता हूं कि सुलह समझौता करने के लिए सभी प्रयासों को अब तक सफलता नहीं मिली है। इसलिए आने वाले दिनों में उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता की पंक्तियां बोली थीं कि ‘अब याचना नहीं रण होगा संघर्ष बड़ा भीषण होगा।’
मंदिर पर भी दिया था बयान
कुशवाह ने भाजपा पर मंदिर मुद्दे को लेकर भी वार किया था। उपेन्द्र ने कहा था कि ये मुद्दा उठाकर जनता का ध्यान भटकाने का काम किया जा रहा है। उनके मुताबिक सरकार और राजनीतिक दलों का ये काम नहीं है कि कहां मंदिर या मस्जिद बने। अगर मंदिर बनाना है तो सही तरीके से बनाइए। ये देश संविधान से चलता है और संविधान धर्मनिरपेक्षता के सिंद्धांत से चलता है।