मिल्लत टाइम्स,बुलंदशहर:उत्तरप्रदेश एसटीएफ की टीम बुलंदशहर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी जितेंद्र मलिक उफ जीतू फौजी को लेकर रविवार सुबह स्याना पहुंची। एसटीएफ की टीम ने जीतू से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की। एसटीएफ के मुताबिक, पूछताछ के दौरान आरोपी जीतू ने माना कि वह हिंसा के वक्त मौके पर ही मौजूद था। निचली अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, जीतू ने मीडिया से कहा कि वह बेकसूर है और हिंसा से उसका लेना देना नहीं है।
इससे पहले जीतू को शनिवार देर रात सेना ने जम्मू-कश्मीर के सोपोर में एसटीएफ को सौंपा। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने इस मामले में पुलिस का पूरा सहयोग करने की बात कही थी। उधर, जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के बाद शनिवार को बुलंदशहर एसएसपी, स्याना सीओ और चिंगरावठी चौकी प्रभारी को हटा दिया गया।
जिले के स्याना इलाके के चिंगरावठी गांव में 3 दिसंबर को कथित गोकशी के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध और गांव के युवक सुमित की मौत हो गई थी।
वायरल वीडियो में कट्टे के साथ दिखा था सैनिक
उत्तरप्रदेश डीजीपी के प्रवक्ता आरके गौतम ने बताया था कि एक वीडियो वायरल हो रहा है और इसमें जितेंद्र नाम का जवान कट्टे के साथ दिखाई दे रहा है। शक है कि यह घटनास्थल पर मौजूद था। जीतू वारदात के बाद अपनी यूनिट के लिए जम्मू रवाना हो गया था। उत्तरप्रदेश की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने सेना के अधिकारियों से बातचीत के बाद जीतू को पकड़ने के लिए टीम जम्मू रवाना की थी।
योगी ने कहा- यह सिर्फ हादसा
उधर, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या को महज हादसा करार दिया। उन्होंने दावा किया कि उत्तरप्रदेश में मॉब लिंचिंग जैसी कोई घटना नहीं हुई।
गोकशी के शक में भड़की थी हिंसा
बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी के शक में हिंसा फैली थी। आरोप है कि इसकी अगुआई बजरंग दल के नेता योगेश राज ने की थी। पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर योगेश की शिकायत पर गोकशी की है। इसमें सात लोगों के नाम हैं। वहीं, दूसरी एफआईआर हिंसा और इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में दर्ज की गई है। इसमें 27 के नाम हैं, 60 से ज्यादा अज्ञात हैं। अब तक इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।