नोएडा: वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई व पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर समेत छह पत्रकारों पर उत्तर प्रदेश में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. इन सभी पर आरोप है कि गणतंत्र दिवस के दिन आयोजित किसान ट्रैक्टर मार्च, जो हिंसक हो गई थी, इसमें इन लोगों ने गलत खबर सोशल मीडिया पर पोस्ट की . सभी पर सामाजिक वैमनस्य फैलाने के भी आरोप लगाए गए हैं. इन पर देशद्रोह समेत आपराधिक षडयंत्र और शत्रुता को बढ़ावा देने और आईपीसी के तहत कई आरोप भी लगाए गए हैं.
इन सभी लोगों के खिलाफ दिल्ली से करीब शहर नोएडा के एक थाने में स्थानीय निवासी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. एफआईआर में कांग्रेस नेता शशि थरूर और पत्रकारों पर उनके “डिजिटल प्रसारण” और “सोशल मीडिया पोस्ट” के लिए आरोपी माना गया है. एफआईआर के मुताबिक, इन लोगों ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि लाल किले की घेराबंदी और ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा में दिल्ली पुलिस ने एक किसान को गोली मार दी थी.
जिन पत्रकारों के नाम FIR में दर्ज हैं, उनमें मृणाल पांडे, राजदीप सरदेसाई, विनोद जोसे, ज़फ़र आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ शामिल हैं. समाचार एजेंसी PTI से नोएडा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की तो उन्होंने ने कहा , “हां, FIR दर्ज की गई है.”
आप को बता दें कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन, हजारों प्रदर्शनकारी किसान तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस के साथ जगह जगह भिड़ गए थे.और इसी दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में जबरन घुस गए थे और पुलिस से हिंसक झड़पें की थीं. आप को मालूम हो कि उसके बाद से ही किसानों को कहा जा रहा है कि सारे बॉर्डर खाली कर दिए जाएँ ,कल दिन भर और रात में भी गाजीपुर -दिल्ली बॉर्डर पर हालत ठीक नहीं थे गाजीपुर प्रशासन कि तरफ से कह दिया गया था कि आज रात में ही बॉर्डर खाली हो जाने चाहिए लेकिन राकेश टिकैत ने एलान कर दिया गया था कि मई गोली खाने के लिए तैयार हूँ लेकिन यहाँ से नहीं जाऊ गा