नई दिल्ली:एक तरफ जहां देश में लॉक डाउन खोलने की बात की चर्चा है तो वहीं दूसरी तरफ कतिथ ‘गुजरात मॉडल’ घुटनों पर दिखाई दे रहा है। गुजरात में लागातर कोरोना का प्रभाव बढ़ता नज़र आ है।जिसके बाद राज्य में लॉकडाउन का पालन सख्ती से कराने का फैसला लिया गया है।
गुजरात model बिल्कुल फैल हो चुका है अहमदाबाद में एक हफ्ते के लिए emergency जैसे हालात हो गये हैं. अब वहाँ सिर्फ दवा और दुध की दुकान ही खुले गी बाकी सारी चीजे बंद हो गई हैं
ईन हालत जा जिम्मेदार कौन है किन की वजह से आज अहमदाबाद की ये हालत हुयी है आप को बता दूँ जब देश में korona का संक्रामक बढ़ता जा रहा था तब भारतीय जनता पार्टी गुजरात में कॉंग्रेस के विधायकों को तोड़ने में लगी थी और मध्य प्रदेश में जो हुआ उसको पूरे देश ने देखा
जब पूरा देश korona से परेशान था तब भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बनाने में लगी थी आज गुजरात korona संक्रमण के मामले में 2 नंबर पे है
गुजरात model पर
Jignesh mevani ने ट्वीट कि गुजरात model जिंदाबाद अहमदाबाद के दरियापुर
सिर्फ अहमदाबाद में korona के 5000 के संक्रमण है बिल्कुल आपातकालीन जैसे हालात एक हफ्ते तक रहें गे पैरा मिलिट्री फोर्स को लगा दिया गया है ताकि लोग बाहर ना निकले
प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि जो बाहर निकले गा उस पर मुक़दमा भी चलाया जाए गा
बेहद बदतरीन हालत गुजरात में देखने को मिल रहा है
जिस फरवरी के महीने को korona से ladhne में लगाना था उस पूरे महीने को ट्रम्प के स्वागत में लगाया गया जिस गुजरात model की चर्चा हो रही थी आज वह पूरी तरह खोखला दिखाई दे रहा है आज ईन हालत का सामना वहां की जनता को करना पढ़ रहा है एक राज्य सभा की सीट के लिए जिस तरह बीजेपी ने कॉंग्रेस पार्टी तोड़ने में लगी थी
वहां की सरकार उस समय korona को लेकर चिंतित नहीं थी अपनी सारी ऊर्जा कॉग्रेस को तोड़ने में लगा दी अगर यही ऊर्जा korona पर लगायी होती तो शायद आज यह दिन देखने को ना मिलता
देश के स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन को महाराष्ट्र में संक्रमण के फैलने की चिंता हो रही लेकिन गुजरात के अहमदाबाद में इमर्जेंसी जैसे हालात हो गए हैं उस पर चिंता नहीं है
येक ऐसे समय में गुजरात में इतना बड़ा lockdown होने जा रहा है जब पूरे देश में lockdown खोला जा रहा है यहां तक कि सब्जी, दाल चावल सब तरह की दुकाने बंद रहीं गी
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने गृह मंत्री अमित शाह से कहा है कि जल्दी डॉक्टर भेजे जाए गुजरात आप अंदाजा लगाए कि हालात बिल्कुल बेकाबू हो चुके हैं
जिस गुजरात में नमस्ते ट्रम्प हो रहा था गरीबी छिपाने के लिए दीवारें खड़ी कर दी गई थी आज उसी गुजरात की स्तिथि गम्भीर है
मजदूरों की हालत खराब है देश का गरीब रैल की पार्टियों पर चलने पर मजबूर हो गया है क्यों कि अगर सड़क से जा रहे है तो पुलिस की लाठी मिल रही है मज़बूरी में ریل की पटरी ही आखिरी सहारा रह गई है
आज बड़ी दुर्घटना उस समय हुयी जब औरंगाबाद में पटरी पर सो रहे मजदूरों पर माल गाड़ी चड गई और 16 मजदूरों की मौत हो गई
ईन मौतों का जिम्मेदार kon है यह जांच का विषय है लेकिन अगर
जनता कर्फ्यू की शाम देश को बता दिया गया होता कि लॉकडाउन लगेगा अपने अपने घर चले जाओ तो आज ये मौतें ना होतीं ।ऐसा लग रहा है
मज़दूर होना, ग़रीब होना इस सरकार में गुनाह हो गया है, सरकार को विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने की फिक्र है लेकिन ईमानदारी से सोचिये तो मज़दूरों की कोई फिक्र नहीं है ।
हाइवे पर, चिलचिलाती दोपहरी में पैदल चले जा रहे मज़दूरों के वीडियो फुटेज़ एैसा नहीं कि माननीय प्रधान मंत्री जी ने नहीं देखा होगा, ज़रूर देखा होगा
मज़दूर भूख से मर जाये, पैदल चलते चलते थक के मर जायें या सो जायें और ट्रेन से कटकर मर जायें देश के हुक्मरानों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पडता है ।