रमजान में मुसलमान खामोशी से हर खास व आम की मदद करें : शाही इमाम पंजाब
लुधियाना, 1 मई (मेराज़ आलम ब्यूरो) : पवित्र रमजान शरीफ के आज पहले जुम्मे के अवसर पर शहर भर में मुसलमानों ने अपने-अपने घरों में नमाज अदा की। इस अवसर पर लुधियाना की एतिहासिक जामा मस्जिद से कौम के नाम लाइव संबोधन करते हुए शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा कि इस पाक बरकत वाले महीने में सभी मुसलमान खामोशी के साथ अपने आप-पड़ोस में रहने वाले हर खास और आम की मदद करें। शाही इमाम ने कहा कि रमजान एक इंकलाबी इबादत है जो सिर्फ अल्लाह के लिए है और इसका बदला अल्लाह ही देते हैं।
उन्होंने कहा की रोजा रखने से इंसान में से बुराइयां खत्म हो जाती हैं और नेकी करने की आदत पड़ जाती है। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा की इस्लाम ने अपने मानने वालों को बिना किसी भेदभाव के इंसानियत की सेवा करने का आदेश दिया है कोई व्यक्ति उस वक्त तक रोजेदार नहीं बन सकता जब तक उसका दिल दूसरों के लिए साफ ना हो जाए। उन्होंने कहा के किसी के साथ भी धर्म और जाति के आधार पर नफरत नहीं की जा सकती, अल्लाह को अपने वह बंदे पसंद हैं जो सब इंसानों के साथ प्यार और मोहब्बत रखने का जज्बा दिखाते हो।
शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहां की सदका और मदद करने वाले सभी इस बात को यकीनी बनाएं कि जिस व्यक्ति की मदद की जा रही है उसके आत्म-सम्मान को ठेस न पहुंचे। उन्होंने कहा कि छुपकर और खामोशी से अपने आस-पास रहने वालों की मदद करना हम पर फर्ज है।
वर्णनयोग्य है कि आज लुधियाना की एतिहासिक जामा मस्जिद में शाही इमाम साहब के साथ पांच व्यक्तियों ने जुमे की नमाज अदा की। कोरोना के चलते शहर भर की मस्जिदों में आज जुमे की नमाज इसी तरह अदा की गई जबकि सभी मुसलमानों ने घरों पर जोहर की नमाज अदा की पवित्र रमजान शरीफ का आज 7वां रोज़ा है और लोग रमजान के रोजे रखने के साथ-साथ एक दूसरे की मदद के लिए आगे आ रहे हैं
जामा मस्जिद में संबोधन करते हुए शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी।