कोरोना:चीन से लौटी MBBS छात्रा पहुंची अस्पताल,कुर्सी छोड़ भाग गए डॉक्टर

कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया डरी हुई है. भारत में भी इस जानलेवा वायरस ने 80 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है, जबकि 2 लोगों की मौत भी हो गई है. ऐसे में इसका नाम सुनकर ही लोग कांपने लगते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर में जहां कोरोना वायरस से पीड़ित एक छात्रा के आने पर डॉक्टर अपनी कुर्सी छोड़कर वहां से भाग गए.

दरअसल तीन फरवरी को एक छात्रा चीन से लौटी थी, जहां कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप है. छात्रा के लौटने के बाद संदिग्ध पाए जाने पर छात्रा को 28 दिनों के लिए निगरानी में रखा गया था.

इसके बाद करीब 40 दिन पहले चीन से लौटी युवती अपने साधारण सर्दी और खांसी का इलाज कराने जिले के सरकारी अस्पताल में पहुंची. उसने जैसे ही डॉक्टर को बताया कि वो चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है यह सुनते ही डॉक्टर वहां से फरार हो गया.

अस्पताल के अन्य कर्मियों ने फौरन इसकी सूचना रैपिड रिस्पांस टीम को दी गई, जिसके बाद टीम ने फौरन घर पहुंचकर छात्रा की जांच की और उसमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं पाए गए.

युवती ने बताया कि जैसे ही उसने डॉक्टर को बताया कि वो कुछ दिनों पहले ही चीन से लौटी है ये सुनते ही डॉक्टर अपनी कुर्सी छोड़कर भाग गया. वहीं इस मामले को लेकर जिले के सीएमओ हरगोविंद सिंह ने बताया कि जो भी लोग विदेश से लौटे रहे हैं उन्हें 28 दिनों तक निगरानी में रखा जा रहा है.

ऐसा ही कुछ बेंगलुरु में भी हुआ जहां इटली से हनीमून मनाकर लौटी महिला पति में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने के बाद इस कदर दहशत में आ गई कि वो उसे छोड़कर आगरा अपने मायके भाग गई. दरअसल इटली से हनीमून मनाकर लौटने के बाद महिला के पति को वायरस के मामले में पॉजिटिव पाया गया था, जिसके बाद डॉक्टरों ने उसके साथ ही महिला को भी आइसोलेशन में रखा था.

वहीं महाराष्ट्र के नागपुर में एक निजी अस्पताल से शुक्रवार देर रात कोरोना संक्रमण के चार संदिग्धों के भाग जाने के बाद नागपुर में खलबली मच गई. अधिकारियों ने यह जानकारी शनिवार को दी. चार फरार संदिग्धों में से तीन बाद में माया अस्पताल में लौट आए. वे इसी अस्पताल में कुछ दिनों से निगरानी में रखे गए थे.

बता दें कि देश में कोरोना वायरस से पीड़ित होने के बाद जिन दो लोगों की मौत हुई है जिसके बाद मोदी सरकार ने उनके परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला किया था जिसे बाद में वापस ले लिया गया.(इनपुट आजतक)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity