बिहार का एक अस्पताल ऐसा भी जहां नहीं है बेड,मैदान में हो रहा इलाज,पीने को पानी भी नहीं

समस्तीपुर :- एक ओर अस्पताल में मरीजों के लिए हरसंभव सुविधा होने का दावा किया जा रहा। दलसिंहसराय अनुमंडलीय अस्पताल प्रशासन हर प्रकार की सुविधा देने का वादा करता है। जबकि, सच्चाई इसके विपरीत है। अस्पतालों में बेड के अभाव में खुले आसमान के नीचे मरीज बिस्तर लगाकर इलाज करा रहे हैं। एक नहीं, बल्कि एक साथ कई महिलाएं मरीज अपने दुधमुंहे बच्चों के साथ खुले आसमान के नीचे सोती मिलीं। ज्यादातर मरीज परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराने आई थीं। ऑपरेशन के बाद बेड नहीं मिलने पर खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर होना पड़ा। कुछ को बेड मिला भी तो बेड से चादर और कंबल गायब थे।
मरीज अपने घर से चादर पर कंबल मंगाकर सो रहे। ओपीडी भवन के परिसर में सड़क के पास सो रही कोनैला गांव निवासी राम उदेश राय की पत्नी गुंजा देवी ने बताया कि ऑपरेशन कराने आई थी। ऑपरेशन तो हो गया, लेकिन मरीज को बेड नहीं मिल पाया। इसलिए, बाहर ही सो गए। आज घर चले जाएंगे। वहीं, पास ही सो रही महिला महमदपुर सकरा निकासी बैद्यनाथ महतो की पत्नी बबीता देवी ने बताया कि अस्पताल में बेड नहीं मिला। इसलिए, यहीं पर सो गए। यह अस्पताल है, घर थोड़े ही है जो सबकुछ अच्छा मिलेगा।

पानी से लेकर बेड की कमी से मरीज रहे परेशान
अनुमंडलीय अस्पताल में पिछले कई दिनों से चल रहे बंध्याकरण के कारण मरीजों की संख्या काफी अधिक रहती है। प्रत्येक दिन दो से तीन महिलाओं का प्रसव कराया जाता है, वह अलग। मरीजों की संख्या के अनुपात में बेड नही रहने से मरीज खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। वहीं पानी की समस्या से मरीज को हर समय दो चार होना पर रहा है। ओपीडी परिसर में न तो वाटर टावर है न ही हैंड पंप।

वार्डो में फैली दिखी गंदगी
जागरण की पड़ताल में अस्पताल के महिला वार्ड से लेकर सामान्य वार्डो ने गंदगी का अंबार देखने को मिला। वहीं वार्डो के एक बेड पर एक साथ कई मरीजों का भी इलाज किया जा रहा था।
इनपुट समस्तीपुर टोन

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity