*असहनी गांव निवासी श्रीकृष्ण पांडेय के पुत्र मृत्युंजय नाथ पांडेय ने रसुलपुर थाने में 18 लाख का चेक बाउंस होने की प्राथमिकी दर्ज करायी*
परवेज़ सिवानी,एकमा:भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता व गायक के खिलाफ बिहार में छपरा के एकमा में रसूलपुर थाना क्षेत्र के धानाडीह गांव निवासी मंगरू यादव के पुत्र शत्रुध्न कुमार उर्फ खेसारीलाल यादव पर 18 लाख रुपये के चेक बाउंस होने के मामले में असहनी गांव निवासी श्रीकृष्ण पांडेय के पुत्र मृत्युंजय नाथ पांडेय ने रसुलपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
दर्ज प्राथमिकी में पीड़ित ने कहा है कि वह अपनी खरीदी गयी जमीन मौजा अठडीला तौजी संख्या 954, खाता संख्या 128, सर्वे संख्या 295, रकबा सात कट्ठा ग्यारह धुर जमीन बाईस लाख सात हजार रुपये में तय किया था. जिसकी रजिस्ट्री चंदा देवी पति शत्रुध्न कुमार उर्फ खेसारीलाल यादव के नाम एकमा स्थित निबंधन कार्यालय में 04 जून 2019 को कर दिया. जिसके बाद आरोपी ने बैंक ऑफ बड़ौदा का 000451 चेक संख्या पर अठारह लाख रुपये की रकम का चेक दिया और बाकी का शेष रकम बाद में देने का भरोसा दिलाया. 20 जून 2019 को जब अपने बैंक में उक्त चेक को जमा किया तो 24 जून को चेक वापस हो गया.
बैंक कर्मियों के कहने पर पुन: उक्त चेक को दुबारा 27 जून को अपने बैंक खाते में जमा किया पर 28 जून को चेक बाउंस हो गया. अंततः मानसिक रूप से परेशान होकर कानूनी वकालतन नोटिस भेजा गया. जिसका भी जवाब अबतक आरोपी ने नहीं दिया तो थक हार कर पीड़ित ने निबंधित जमीन के कागजात व चेक मेमो की छाया प्रति संलग्न करते हुए रसूलपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए न्याय की गुहार लगायी है.
वही , चेक बाउंस मामले में खेसारी लाल यादव ने पूछे जाने पर बताया कि उनके खाते में सत्तर लाख से ऊपर रुपये है. चेक बाउंस हो ही नहीं सकता. बल्कि उसे भुगतान करने से रोका गया है. अभिनेता खेसारी लाल ने कहा कि रजिस्ट्री करने वाले मृत्युंजय नाथ पांडेय ने तय की गयी रुपये भुगतान के पहले दाखिल खारिज करने की बात की थी. क्योंकि उस जमीन का दाखिल खारिज किसी और के नाम से है. जिससे पांडेय ने जमीन खरीदी थी. खेसारीलाल ने कहा कि तीन महीना बीतने के बाद भी उस जमीन का दाखिल खारिज पांडेय अपने नाम से नहीं करा सके. इसलिए उन्हें आशंका है कि इस जमीन की खरीद बिक्री में उनके साथ धोखाधड़ी की गयी है. जब तक जमीन का दाखिल खारिज नहीं हो जाती तब तक भुगतान रुका रहेगा. दाखिल खारिज नहीं होने पर वे खुद धोखाधड़ी की प्राथमिकी करेंगे.