सारण माॅब लिंचिंग की उच्चस्तरीय जांच कराओ:माले, विधायक सत्यदेव ने किया घटनास्थल का दौरा

प्रेस रिलीज,पटना 20 जुलाई 2019
भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि आज पूरे देश की तर्ज पर बिहार में भी माॅब लिंचिंग की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हो रही है और इसके रोकने के प्रति हमारी सरकारें कहीं से भी चिंतित नहीं है. भाजपा ने पूरे देश में जो उन्माद-उत्पात का माहौल बनाया है, उसी का नतीजा है कि इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ ही रही हैं. कहीं पशु चोरी तो कहीं बच्चा चोरी के आरोप में भीड़ हत्याएं हो रही हैं. बिहार में हाल के दिनों में स्थिति बेहद खराब हुई है. विगत 19 जुलाई को सारण में तीन लोगों और वैशाली में एक व्यक्ति की लिंचिंग बेहद निंदनीय है. ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार कड़ी कार्रवाई करे.

सारण के बनियापुर में 19 जुलाई को घटित माॅब लिंचिंग की घटना की जांच करने भाकपा-माले विधायक सत्यदेव राम व सारण जिला सचिव सभा राय आज घटनास्थल पर पहुंचे. माले नेताओं ने मृतकों के गांव पैगंबरपुर का भी दौरा किया. मृतक के परिजनों से बातचीत के आधार पर जो तथ्य उभरकर सामने आए हैं, वे दूसरी ही कहानी की ओर इशारा कर रही हैं. इस माॅब लिंचिंग में राजू नट, विदेशी नट व ड्राइवर नौशाद की पशु चोरी के आरोप में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.

मृतक राजू नट के पिता सफू नट ने बताया कि वे लोग भैंस, पाड़ा अथवा अन्य पशुओं का कारोबार करते रहे हैं. राजू नट पिठौरा गांव में पहले से ही खस्सी काटने का काम करता रहा है और उसे उस गांव के अधिकांश लोग पहले से ही जानते रहे हैं. पिठौरा के मोतीलाल राम इस व्यवसाय में साथ देते हैं. उन्होंने ही 19 जुलाई की सुबह 4 बजे राजू व विदेशी नट को पिठौरा बुलाया था. लेकिन हमलोग को पता चला कि गांव में पहुंचते ही उन्हंे गाड़ी पर ही मारपीट कर अधमरा कर दिया गया. गांव के मुखिया व सरपंच के सामने भी उन्हें पीटा गया. उसके बाद सरपंच ने अपने घर में रखकर पुलिस को फोन किया . पुसिल के आने आने तक 2 लोगांे की मौत हो चुकी थी और एक आदमी अस्पताल जाते वक्त मौत के शिकार हो गए.

पिठौरा के मुख्यिा सहित 8 लोगों पर नामजद व 100 अज्ञात लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें 7 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. पूरी घटना योजनाबद्ध प्रतीत होती है. लेकिन उसे पशु चोरी का रूप दे दिया गया और इस आड़ में तीन लोगों की हत्या कर दी गई. अक्सर गांव में सुबह लोग जग जाते हैं. फिर गांव में गाड़ी लेकर प्रवेश करना और उसपर भैंस को चढ़ाने का प्रयास करना अटपटी बातें लगती हैं. लोगों के जगाने के लिए गाड़ी की आवाज ही पर्याप्त थी. फिर भैंस को गाड़ी पर चढ़ाने के लिए किसी उंची जगह की जरूरत थी. कुल मिलाकर पशु चोरी का आरोप एक कलोल कल्पना है.

घटनाक्रम से ऐसा प्रतीत होता है कि गांव के मुखिया व सरपंच की प्लानिंग के तहत यह हत्या हुई है. इसलिए भाकपा-माले इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करती है और सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग करती है. कल 21 जुलाई को इस बर्बर घटना के खिलाफ सारण में भाकपा-माले का प्रतिरोध मार्च होगा.

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity