प्रेस रिलीज,मुम्बई/दिल्ली,
1994 में फ़ुज़लाए मदारिस को अंग्रेजी भाषा, साहित्य, आधुनिक लेख और कम्प्यूटर की शिक्षा से जोड़ने के लिए स्थापित किया गया एकमात्र संस्थान मरकज़ूल मआरिफ़ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (MMERC) मुम्बई इस साल अपने 25 वर्षीय सुनहरे और ऐतिहासिक सफर को पूरा कर रहा है। इस खूबसूरत मौके को कौम व मिल्लत के लिए बा मकसद और उपयोगी बनाने की खातिर मरकजुल मारिफ और उसके पुराने छात्रों ने पहले की उपलब्धि व जवाबदेही , वर्तमान की कारगर्दगी व अपेक्षा और भविष्य के चैलेंज व महत्त्वकांक्षा से रौशन होने और अकाबिरीन के मशवरे माहिरीन की आरा और फजलाए मरकजुल मारिफ के अनुभव जानने के लिए हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली में 4, 5 और 6 अक्टूबर (शुक्रवार, शनिवार और रविवार) 2019 को एक 3 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार “ऑलमां, मुस्लिम नौजवानों और समकालीन चैलेंजज़: मदरसा के बाद कि शिक्षा विशेषकर डिप्लोमा इन इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर कोर्स के संबंध में” के उनवान पर आयोजन करने का फैसला किया है।
मौलाना मोहम्मद बुरहानउद्दीन कासमी,डायरेक्टर मरकज़ूल मआरिफ़ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर ने बताया की इस संस्था को मौलाना बदरुद्दीन अजमल कासमी, लोक सभा एमपी, ने क़ायम कर के इसमें फ़ुज़लाए मदारिस को समकालीन से संगत करने के लिए दो वर्षीय डिप्लोमा इन इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर (DELL) कोर्स को परिचित कराया था. इस समय देश भर में 15 से ज्यादा संस्थानों में यह कोर्स पढ़ाया जा रहा है जिसमें से 08/संस्थाएं मरकजुल मारिफ से संबंध है। अब तक मरकजुल मारिफ से 500 से ज्यादा आलमा फरागत हासिल करके हिंदुस्तान और हिंदुस्तान से बाहर /20 से ज्यादा देशों के अंदर अलग अलग संस्थानों और क्षेत्रों मे मुकम्मल इस्लामी तशखस के साथ शिक्षा, मज़हब, समाज़ और पत्रकारिता के क्षेत्र मे खिदमत अंजाम दे रहे है। मौलाना ने आगे बताया की इस अंतराष्ट्रीय सेमिनार मे हिंदुस्तान समेत दुनियाभर से फजलाए मरकजुल मारिफ और अन्य अतिथि उपस्थित होंगे और भिन्न विशय पर मकालात और खियालात पेश करेंगे।
प्रेस नोट के मुताबिक सेमिनार के मरकज़ी अनावीन यह है (1) मरकज़ूल मआरिफ़ फजलाए मदारिस के लिए एक इंक़िलाबी तहरीक, (2) हिंदुस्तान बतौर मुत्ताहिदा समाज और अल्मा की जिम्मेदारियां, (3) हिंदुस्तान का मुस्लिम नौजवान और भविष्य की रणनीति, (4) डिप्लोमा इन इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर (DELL) अनुभव और भविष्य का मंसूबा, इसके अलावा बीबीन्य संस्थानों में मरकजुल मारिफ के तर्ज पर DELL कोर्स पढ़ने वाले चयनित छात्र के बीच राष्ट्रीय स्तर का अंग्रेजी भाषा में एक तकरीरी मुसाबका भी प्रोग्राम का हिस्सा होगा।
प्रोग्राम के एक कन्वेनर जनाब मोहम्मद उमर गौतम ने बताया कि तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के पहले 2 दिन, 4 और 5 अक्टूबर का प्रोग्राम मदनी हाल जमीअत उलमाए हिंद, नई दिल्ली में आयोजित होगा जबकि तीसरे दिन का प्रोग्राम कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में होगा जिसमें देश के मुमताज ओलमा, बुद्धिजीवी, बीबीन्य देशों के दूत, मंत्री, सरकारी अफसर और अन्य गणमान्य लोग मेहमान खुसूसी के तौर पर शिरकत करेंगे। इसके अलावा MMERC के फुजला और अन्य संस्थानों से जुड़े विशेष हजरात सिल्वर जुबली का हिस्सा बनेंगे।
MMERC के संस्थापक व अजमल CSR के CEO मौलाना बदरुद्दीन अजमल कासमी की सदारत में पिछले दिनों दिल्ली में उनके आवास पर एक मीटिंग हुई जिसमें ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के अलावा 10 जेली कमेटियां बनाई गई। ऑर्गेनाइजिंग कमिटी के कनविनर जनाब मोहम्मद उमर गौतम, डायरेक्टर इस्लामिक दावा सेंटर दिल्ली और मौलाना मोहम्मद बुरहान उद्दीन कासमी, डायरेक्टर मरकाजुल मारीफ, मुंबई हैं जबकि इस कमेटी के सदस्य मे खलीलुर रहमान लसकर जनरल सेक्रेट्री मरकाजुल मारीफ, होजाई, असम, डॉक्टर उबैदुल्ला मोहिउद्दीन कासमी, असिस्टेंट प्रोफेसर दिल्ली यूनिवर्सिटी, मौलाना अतीकुर रहमान कासमी इंचार्ज MMERC मुंबई, मुफ्ती अब्दुल रसीद कासमी, हक एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर कानपुर, डाक्टर मोहम्मदुल्लाह खलीली कासमी, दारुल उलूम देवबंद , डाक्टर सईद अनवर कासमी, एडिटर इसलाम और असर जदीद, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली, मौलाना मुदस्सिर अहमद कासमी, नैशनल कोर्डिनेटर DELL कोर्स, मौलाना मंजर बिलाल कासमी, दिल्ली, मौलाना हिफजुर्रहमान कासमी, दिल्ली, मौलाना शम्स तबरेज कासमी, दिल्ली, मौलाना मोहम्मद अक्रम कासमी, सूरत, गुजरात, डाक्टर अब्दुल मालिक कासमी, जमियत उलेमा-ए हिंद, दिल्ली, और मौलाना मोहम्मद सदाकत कासमी, दारूल उलूम देवबंद उत्तर प्रदेश के नाम शामिल है।