अशफाक कायमखानी।जयपुर।
भारत की राजधानी दिल्ली मे पार्किंग को लेकर तीस जून को दो व्यक्तियों की आपसी तकरार व मामूली मारपीट की घटना व फिर एक जुलाई को जयपुर मे सात साल की बच्ची के साथ दुराचार करने की घटना के बाद उपजे हालात व जौश मे होश खोने के तहत जमा भीड़ से बिगड़े हालात को देखकर लगता है कि हम अब किधर जा रहे है।
दिल्ली मे दो व्यक्तियों के मध्य पार्किंग को लेकर पहले आपसी तकरार व फिर मारपीट होने के बाद वाटसेप पर ऊलजलूल संदेश अलग अलग ग्रूपो मे चलने लगते है। जिन संदेशों की बिना तस्दीक किये लोग आगे से आगे फार्वर्ड करते चले जाने का परिणाम यह निकला कि नासमझी मे इकठ्ठा भीड़ जमा हो जाती है। जिसमे से कुछ समाज दुशमन अनासिर एक इबादतगाह पर पत्थर फैंक कर उसके कांच को नूक्सान पहुंचा देते है। उसके बाद फिर वाटसेप पर ऊलजलूल संदेश जारी होने का सीलसीला शूरु हो जाने का परिणाम दो समुदायों मे कसीदगी का सबब बन जाता है।
इसी तरह सोमवार की शाम को सात साल की एक बच्ची को किसी शख्स द्वारा जयपुर के शास्त्री नगर इलाके से उठाकर लेजाने के बाद उसके साथ दूराचार करके वापिस वही पटकने की घटना घटित होने के बाद पुलिस मे रपट दर्ज होती है। ओर बच्ची को इलाज के लिये अस्पताल मे भर्ती कर लिया जाता है। घटना के बाद वाटसेप पर फिर ऊलजलूल संदेश जारी होते रहने के बाद भीड़ जमा होकर पुलिस पर कार्यवाही करने के अलावा आरोपीत को गिरफ्तार करने की मांग व लोकतांत्रिक तरिके से दवाब बनाना तो ठीक था। लेकिन भीड़ मे से कुछ उपद्रवियों ने रास्ते मे खड़े वाहनो को चोट पहुंचा कर नुकसान व दहसत फैलाना कतई ठीक नही कहा जा सकता। अगले दिन सोमवार को फिर जयपुर के शास्त्री नगर मे भीड़ जमा होकर पुलिस को कानून व्यवस्था मे उलझाये रखना मूर्खता की बात ही मानी जायेगी। पुलिस का जो समय आरोपी को पकड़ कर सलाखो के पीछे धकेलने मे गुजरना चाहिए था वो समय बीना वजह कानून व्यवस्था बनाये रखने मे बरबाद हो गया।
दिल्ली व जयपुर की उक्त घटित दो घटनाओं पर नजर दोड़ाये तो पाते है कि वाटसेप पर जारी ऊलजलूल संदेशों से अफवाहों का बाजार गर्म होने से हालत के बीगड़ने मे सहायक साबित हुये। अगर हम बीना तस्दीक के वाटसेप संदेश नही करने ओर नाही फोर्वर्ड करने का संकल्प ले ले तो प्रशासन को काफी हद तक हकीकत सामने लाने मे सफलता मिलने लगेगी। दूसरी तरफ यह भी तय करलेना चाहिये कि मजीद हालात खराब करने से हर हाल मे बचने के लिये घटना घटित होने के बाद से काम शूरु होने मे सहयोग करना चाहिए।