नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंचने के लिए राजनीतिक दलों ने निजी विमान और हेलिकॉप्टर बुक किए हैं। भाजपा इस दौड़ में काफी आगे नजर आ रही है। सत्ताधारी पार्टी ने प्रचार के लिए 50 प्राइवेट जेट और हेलिकॉप्टर बुक कराए हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के चुनाव प्रचार को प्रभावित करने के लिए भाजपा ने तीन महीने पहले ही देश में मौजूद ज्यादातर प्राइवेट जेट और हेलिकॉप्टर बुक करा लिए थे।
देश में चुनावी सीजन में डिमांड पूरी करने लायक एयरक्राफ्ट नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इतने प्राइवेट जेट और हेलिकॉप्टर नहीं हैं कि चुनाव के दौरान मांग को पूरा किया जा सके। भाजपा चुनाव प्रचार के मद्देनजर 20 प्राइवेट जेट और 30 हेलिकॉप्टर बुक कर चुकी है, जबकि कांग्रेस केवल 10 ही बुक करा सकी।
बिजनेस एयरक्राफ्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के सलाहकार और मार्टिन कंसल्टिंग के फाउंडर मार्क मार्टिन ने बताया कि आम चुनावों में विपक्ष के अभियानों को नाकाम करने की हर कोशिश की जाती है, लेकिन इससे पहले एयरक्राफ्ट्स को लेकर इस तरह की होड़ कभी नहीं देखी गई जब दूसरी पार्टी की चुनावी क्षेत्रों में पहुंच को प्रभावित करने के लिए एक पार्टी ने ज्यादा एयरक्राफ्ट बुक करा लिए।
एयरक्राफ्ट औसतन 45 दिन के लिए बुक किए जाते हैं। किराया डेढ़ से दो लाख रुपए प्रति घंटा होता है।
बिजनेस एयरक्राफ्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के एमडी आरके बाली ने बताया कि एयरक्राफ्ट व्यापार पहले आओ-पहले पाओ पर आधारित है। इसमें किसी पार्टी से कोई समझौता नहीं है। यही वक्त होता है जब एयरक्राफ्ट कंपनियां अपना घाटा पूरा करती हैं।
बाली के मुताबिक, इसमें राजनीतिक पार्टियों के लिए काम करने वाले ब्रोकर की भूमिका अहम होती है। वे ऑपरेटरों से एयरक्राफ्ट बुक करते हैं और राजनीतिक पार्टियों को उपलब्ध कराते हैं। इससे गोपनीयता बरती जाती है।
भाजपा से 22 सालों से जुड़े कार्यकर्ता गुलाब सिंह पंवार ने सत्ताधारी पार्टी के लिए पांच एयरक्राफ्ट बुक करवाए हैं। उन्होंने पार्टी को मिले अनुचित लाभ के आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में है, इसलिए हमारी जरूरतें ज्यादा हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने जनवरी में कहा था कि उनकी पार्टी को प्राइवेट जेट और हेलिकॉप्टर बुक करने में परेशानियां हो रही हैं। हालांकि, इस खबर को लेकर आनंद शर्मा और भाजपा प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
देश की स्थिति और भौगोलिक जटिलता को देखते हुए राजनेताओं के लिए हेलिकॉप्टर और प्राइवेट जेट अहम भूमिका निभाते हैं। हालांकि, हवाई रास्ते से प्रचार सुगम है, क्योंकि अगर उत्तर से दक्षिण तक की दूरी को लें तो यह महज न्यूयार्क से ग्वाटेमाला के बराबर ही है। लेकिन, अच्छी सड़कों और रेल कनेक्टिविटी न होने की वजह से ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों तक प्रचार के लिए पहुंचना मुश्किल काम है।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रचार में जुटे शाह सुबह नई दिल्ली से विजयवाड़ा, दोपहर में असम के डिब्रूगढ़ जाकर शाम को अपने गृह क्षेत्र अहमदाबाद वापस आ जाते हैं। वे एक दिन में कुल 7242 किमी की दूरी तय करते हैं। हालांकि, कुछ नेता शाह से भी ज्यादा प्रचार कर रहे हैं।
यह पहली बार नहीं है, जब भारत में राजनीतिक ट्रांसपोर्ट मुद्दा बना हो। इससे पहले कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2014 के प्रचार अभियान के लिए फंड देने वालों का नाम न उजागर करने को लेकर निशाना साध चुकी है।
कांग्रेस ने मोदी पर प्रचार के दौरान उद्योगपति गौतम अडानी का हेलिकॉप्टर इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था। अडानी ने इन आरोपों पर कहा था कि किसी को भी हेलिकॉप्टर फ्री में इस्तेमाल नहीं करने दिए गए।
(इनपुट भास्कर)