उम्मीदवारी के बाद बोले कन्हैया-मेरी लड़ाई गिरिराज से है, RJD से नहीं

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को सीपीआई ने बेगूसराय से अपना उम्मीदवार बनाया है. कन्हैया कुमार ने पटना में कहा कि उनकी लड़ाई सीधे केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार गिरिराज सिंह से है. उन्होंने कहा कि आरजेडी के संभावित उम्मीदवार तनवीर हसन कहीं लड़ाई में नहीं हैं. सीपीआई को महागठबंधन में जगह नहीं मिली है.

सीपीआई बेगुसराय के अलावा खगड़िया से भी चुनाव मैदान में उतरेगी. साथ ही मोतिहारी और मधुबनी से उम्मीदवार उतारने का फैसला केन्द्रीय कमेटी करेगी. सीपीआई ने कहा कि जहां वो चुनाव लड़ रहें हैं, उसके अलावा पार्टी सभी जगहों पर महागठबंधन का समर्थन करेगी ताकि बीजेपी विरोधी वोटों में बिखराव न हो.

कन्हैया कुमार का सामना पहली बार पटना के पत्रकारों से हुआ. अपनी अच्छी भाषा शैली से पत्रकारों के सवाल का जवाब दिया और तथा महागबंधन में जगह नहीं मिलने के बाद पार्टी ने राज्य कार्यकारणी की आपात बैठक बुलाकर यह फैसला किया कि कन्हैया कुमार बेगूसराय से पार्टी के उम्मीदवार होंगे. पार्टी ने उजियारपुर में सीपीएम को और आरा में माले को समर्थन देने का ऐलान भी किया.

कन्हैया ने कहा कि हमेशा किसी को पाकिस्तान भेजने वाले केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कभी मंत्री लगे ही नहीं. कन्हैया ने यह भी कहा कि उनका मुकाबला कट्टरवाद से है. इस बार संसद में कट्टरवाद नहीं बल्कि युवा जोश की आवाज गूंजेगी. कन्हैया ने कहा कि हमारी लड़ाई आरजेडी से नहीं बल्कि गिरिराज सिंह से है.

उन्होंने कहा कि वह संविधान की रक्षा और आरक्षण की रक्षा के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं. जब सवाल हुआ कि अगर वो भूमिहार जाति से नहीं आते तो पार्टी क्या उन्हें बेगूसराय से उम्मीदवार बनाती. कन्हैया ने कहा कि वो जात-पात पर विश्वास नहीं करते हैं. महागबंधन को समर्थन देने के मामले में कन्हैया ने कहा कि उनकी पार्टी का एक तरफा प्यार किसी पार्टी के लिए नहीं है बल्कि बिहार की जनता के लिए है. लेकिन सवाल यह है कि अगर जनता उन्हें प्यार नहीं कर रही है तो फिर वो चुनाव क्यों लड़ रहें हैं.

महागबंधन ने सीपीआई और सीपीएम के बारे में कभी चर्चा ही नहीं की तो उसके पीछे की मुख्य वजह कन्हैया कुमार हैं. कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है. महागबंधन को लगता है कि बीजेपी इसका फायदा पूरे देश में उठा सकती है. बीजेपी का विरोध लालू यादव भी करते रहें हैं. लालू यादव यह कभी नहीं चाहेंगे कि कोई दूसरा नेता बीजेपी विरोध की धुरी बने और बाद में उनके बेटे तेजस्वी के लिए खतरा बन जाए.(इनपुट आजतक)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity