मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:अयोध्या.राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर बातचीत से हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाया गया तीन सदस्यीय पैनल मंगलवार को अयोध्या पहुंच गया है। बुधवार को अवध यूनिवर्सिटी में पैनल की पहली बैठक होगी।
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट नेअयोध्या विवाद का मामला मध्यस्थों को सौंप दिया। इसके लिएतीन सदस्यीय पैनल का गठन किया गया है।जस्टिस फकीर मुहम्मदखलीफुल्ला मध्यस्थता पैनल की अध्यक्षता करेंगे। इसमें आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम भी शामिल हैं। यह पैनल हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों से बातचीत के जरिए विवाद का हल निकालने की कोशिश करेगा। पैनल को मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरी करने के लिए आठ सप्ताह का समय मिला है।मध्यस्थता की बातचीत फैजाबाद में होगी।
कोर्ट के निर्देश के बिना पैनल सेनहीं हो सकती बात
डीएम अनुज कुमार झा ने बताया कि कोर्ट के निर्देश और पैनल के सदस्यों की इच्छा के बिना किसी से बात नहीं हो सकेगी। बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने बताया कि मुस्लिम वर्ग के लोग काफी अरसे से बार-बार कह रहें हैं कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानेंगे। कोर्ट चाहे खुद फैसला सुनाए या मध्यस्थता के जरिए विवाद खत्म करवाए। हम दोनों को मानने के लिए तैयार है।
‘पूरी प्रक्रिया गोपनीय होगी’
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को कहा कि मध्यस्थता प्रक्रिया कोर्ट की निगरानी में होगी और इसे गोपनीय रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जरूरत पड़े तो मध्यस्थ और लोगों को पैनल में शामिल कर सकते हैं। वे कानूनी सहायता भी ले सकते हैं। मध्यस्थों को उत्तरप्रदेश सरकार फैजाबाद में सारी सुविधाएं मुहैया कराएगी।
कौन हैं पैनल में शामिल सदस्य?
जस्टिस खलीफुल्ला :मूल रूप से तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में कराईकुडी के रहने वाले हैं। उनका जन्म 23 जुलाई 1951 को हुआ था। 1975 में उन्होंने वकालत शुरू की थी। वे मद्रास हाईकोर्ट में न्यायाधीश और इसके बाद जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रहे। उन्हें 2000 में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के तौर नियुक्त किया गया। 2011 में उन्हें कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया।
श्रीराम पंचू :वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू मध्यस्थता से केस सुलझाने में माहिर माने जाते हैं। कोर्ट से बाहर केस सुलझाने के लिए उन्होंने ‘द मीडिएशन चैंबर’ नाम की संस्था भी बनाई है। वे एसोसिएशन ऑफ इंडियन मीडिएटर्स के अध्यक्ष हैं। वे बोर्ड ऑफ इंटरनेशनल मीडिएशन इंस्टीट्यूट के बोर्ड में भी शामिल रहे हैं। असम और नागालैंड के बीच 500 किलोमीटर भूभाग का मामला सुलझाने के लिए उन्हें मध्यस्थ नियुक्त किया गया था।
श्रीश्री रविशंकर :आध्यात्मिक गुरु हैं। वे अयोध्या मामले में मध्यस्थता की निजी तौर पर कोशिश करते रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने पक्षकारों से मुलाकात की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस मसले को सुलझाने का एक फॉर्मूला भी पेश किया था।(इनपुट भास्कर)