उत्तर बिहार के मशहूर सर्जन और दुखियों के मसीहा डॉ.अब्दुल वहाब हुए सुपूर्द ए खाक

मिल्लत टाइम्स,दरभंगा:उत्तर बिहार के चर्चित सर्जन गरीब परवर डॉ. अब्दुल वहाब (90) का बुधवार को निधन हो गया। उच्चस्तरीय इलाज के लिए ले जाने के दौरान मुजफ्फरपुर टॉल प्लाजा के पास अचेतावस्था में चले गए। परिजनों ने उन्हें मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वे अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्र और पांच पुत्री सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। गुरुवार की दोपहर मिल्लत कॉलेज के मैदान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया

डॉ. वहाब 1965 में डीएमसीएच में सर्जन के रूप में योगदान दिए। 1982 में यहां से अरब देश चले गए। कुछ वर्षों बाद लौटकर एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में सर्जरी के एचओडी के रूप में योगदान दिए। शिक्षा के क्षेत्र में उनका बड़ा योगदान रहा। अपनी जमीन पर सोगरा गर्ल्स हाईस्कूल की स्थापना की। बाद में भूमि मिलने पर स्कूल का स्थानांतरण हुआ।

बीवी पाकड़ में अल्लामा इकबाल उर्दू लाइब्रेरी एवं शोध संस्थान की स्थापना की। समाज में व्याप्त कुरीतियों को लेकर लोगों को जागरूक करते रहे। उनके निवास स्थान रहमखान मोहल्ला में अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। लोगों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है। उनके पुत्र सर्जन डॉ. आरजू ने बताया कि पिछले दो माह से बीमार चल रहे थे।

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा, पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. अली अशरफ फातमी, डीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. एचएन झा, अधीक्षक डॉ. आरआर प्रसाद, डॉ. रमण कुमार वर्मा, डॉ. अजीत कुमार चौधरी, आइएमए के अध्यक्ष डॉ. सीएम झा, डॉ. हरेंद्र कुमार, शिक्षाविद एसएचए आब्दी, राजद नेता राशिद जमाल आदि ने पहुंचकर अपनी संवेदना व्यक्त की।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity