हिजाब पहनकर परीक्षा देने गई छात्रा सौदागर को,अधिकारियों ने नहीं देने दिया परिक्षा,जबकि ड्रेस कोड का नहीं था कोई कंडिशन

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है

छात्रा ने कहा कि ऐसा करना उसके धार्मिक विश्वास के खिलाफ है इसलिए अधिकारियों से हिजाब हटाने के लिए इनकार कर दिया।…

मिल्लत टाइम्स: गोवा के पणजी में मंगलवार (18 दिसंबर) को एक 24 वर्षीय छात्रा को हिजाब पहनकर राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (एनईटी) में नहीं बैठने दिया गया। पीटीआई की खबर के मुताबिक छात्रा ने आरोप लगाया कि उसने हिजाब हटाने से इनकार कर दिया तो अधिकारियों उसे परीक्षा नहीं देने दी। अधिकारियों का कहना है कि नकल रोकने और सुरक्षा के लिहाज से हिजाब या अन्य सामान के साथ परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं है। सफीना खान सौदागर नाम की छात्रा ने आरोप लगाया कि जब वह 18 दिसंबर को पणजी के परीक्षा केंद्र पर पहुंची तो पर्यवेक्षक ने उससे हिजाब हटाने को कहा। सौदागर ने मीडिया को बताया कि जब उसने ऐसा करने से मना कर दिया तो उसे टेस्ट नहीं देने दिया गया। बता दें कि कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर की लेक्चरशिप और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एनईटी आयोजित कराता है। सौदागर ने बताया कि मंगलवार को 1 बजे जब उम्मीदवारों की पहचान पत्र जांचने की प्रक्रिया शुरू हुई, उसी वक्त वह परीक्षा केंद्र पहुंची थीं और पक्ति में खड़ी हो गई थीं।

छात्रा ने कहा, ”जब मैं निरीक्षण अधिकारी के पास पहुंची तो उन्होंने मेरे दस्तावेज देखे, उन्होंने मुझे देखा और हिजाब के साथ मुझे परीक्षा हॉल में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी, यह कहते हुए इसे हटाने को कहा।” छात्रा ने कहा कि ऐसा करना उसके धार्मिक विश्वास के खिलाफ है इसलिए अधिकारियों से हिजाब हटाने के लिए इनकार कर दिया। छात्रा ने कहा, ”वह मुझसे तर्क करने लगे और उनके आगे खड़ी महिला अधिकारी से परामर्श लिया।” सौदागर ने बताया कि तब पुरुष पर्यवेक्षक ने उनसे उनके कान दिखाने के लिए कहा जिससे फोटोग्राफ में पहचान की पुष्टि हो सके।

छात्रा ने कहा, ”आखिर में मैं अपने कान दिखाने के लिए राजी हो गई और अधिकारियों से कहा कि वे मुझे वॉशरूम का रास्ता बता दें ताकि फिर से हिजाब को एडजस्ट कर सकूं। उन्होंने मुझे वॉशरूम का रास्ता बताने से मना कर दिया।” सौदागर ने कहा कि जैसा कि यह उनके इस्लामिक विश्वास के खिलाफ है, उन्होंने सार्वजनिक जगह पर हिजाब उतारने से मना कर दिया। छात्रा ने बताया कि जब उसे हिजाब या परीक्षा में से एक को चुनने के लिए कहा गया को उसने अपने धार्मिक विश्वास के आगे अकादमिक नुकसान को चुना।

सौदागर ने बताया कि परीक्षा के लिए अप्लाई करते वक्त उन्होंने वेबसाइट पर जाकर ड्रेस कोड के बारे में भी पता किया था लेकिन वहां हिजाब या किसी तरह के ड्रेस कोड के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। पणजी में हायर एजुकेशन के डायरेक्टोरेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परीक्षा में नकल रोकने या सुरक्षा के लिहाज से हिजाब ही नहीं, यहां तक की मंगलसूत्र या किसी तरह की एक्सेसरी ले जाने की अनुमति नहीं है। अधिकारी ने कहा कि यूजीसी के द्वारा परीक्षा पारदर्शिता से कराने के लिए लिए बड़ी सख्त गाइडलाइंस हैं और अधिकारियों ने वैसा ही किया

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity