राजस्थान मे पंचायत समिति व जिला परिषद के चुनाव राजनीतिक दल के बीना चुनाव चिन्ह से होने की प्रबल सम्भावना।

।अशफाक कायमखानी।जयपुर।
केन्द्रीय पंचायत राज एक्ट के अनुसार पंचायतों के थ्री टायर सिस्टम के चुनाव कराने के बाध्यता के बावजूद राज्यो को अधिकार है कि वो चाहे तो थ्री टायर सिस्टम के अनुसार चुनाव करवाते हुये राजनीतिक दल के चुनाव चिन्ह की बाध्यता को खत्म करते हुये राजनीतिक दलो के उम्मीदवारों को बीना चुनाव चिन्ह आवंटन भी चुनाव करवा सकते है। राजस्थान मे कांग्रेस सरकार के स्तर पर चल रही कसरत के अनुसार आगामी पंचायत समिति व जिला परिषद के निदेशक व प्रधान एवं जिला प्रमुख के चुनाव बीना राजनीतिक दल के चुनाव चिन्ह के होने की प्रबल सम्भावना बनती नजर आ रही है।

राजस्थान मे हाल ही मे सम्पन्न हुये सरपंच चुनावो मे काग्रेस समर्थक सरपंच कम जीतने एवं कांग्रेस के गहलोत-पायलट गुटों मे एक तरह से विभक्त होने के बाद राजनीतिक दलो के चुनाव चिन्ह पर आगे पंचायत समिति व जिला परिषद चुनाव होते है तो कांग्रेस की पंचायत समिति व जिला परिषद के प्रधान व जिला प्रमुख की तादाद पहले से कम आने की सम्भावना को भांपते हुये मुख्यमंत्री गहलोत एक्ट मे बदलाव करके बीना सिम्बल के चुनाव कराने का निर्णय ले सकते है।

1995 से पहले प्रधान व जिला प्रमुख का चुनाव पंच व सरपंचो के मतो के मतदान द्वारा होता था। लेकिन केन्द्रीय कानून बनने के बाद पंचायत चुनाव थ्री टायर सिस्टम के आधार पर करने की बाध्यता होने के बाद 1995 मे तत्तकालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत ने पहली दफा थ्री टायर सिस्टम से चुनाव कराने का तय इसलिए किया कि अगर पार्टी टिकट पर चुनाव होगे तो गांवो तक भाजपा का विस्तार होगा क्योंकि भाजपा के निशान पर अनेक उम्मीदवार चुनाव लड़ेगे ओर कमल फूल का निशान का प्रचार भी करेगे। 1995 के पंचायत चुनाव मे भैरोंसिंह की उक्त पहल से भाजपा को गावो तक पहुंचाने मे काफी सफलता मिली एवं मिलती आ रही है।

कुल मिलाकर यह है कि पार्टी चुनाव चिन्ह पर पंचायत समिति व जिला परिषद चुनाव होने पर कांग्रेस की कमजोर स्थिति होने की सम्भावना से कांग्रेस नेता काफी भयभीत नजर आ रहे बताते है। जिसके चलते राजस्थान सरकार पंचायत समिति व जिला परिषद के चुनाव बीना राजनीतिक दल के चुनाव चिन्ह से कराने का तय कर सकती। उसके बाद एक तरह से उक्त चुनाव मे सभी उम्मीदवार निर्दलीय तोर पर चुनाव लड़ पायेगे। दुसरी तरफ प्राप्त सुचनाओ के अनुसार कांग्रेस सरकार उपरी तौर पर राजस्थान के जिला व प्रदेश स्तरीय नेताओं से इस सम्बंध मे सर्वे अनुसार व्यक्तिगत सुझाव भी ले रही बताते है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity