राजस्थान:मुस्लिम समुदाय की बेटियों ने सीनियर (आर्ट) परीक्षा परिणाम मे कामयाबी का परचम लहराया।

सुरेय्या ने 98.80 व मुस्कान ने 95 व निमरा ने 95.60 प्रतिशत अं पाये।

।अशफाक कायमखानी।जयपुर।
मुस्लिम समुदाय के शैक्षणिक तौर पर पीछड़े माने जाने वाले कलंक को अब लड़को से कई गुणा आगे बढकर बेटियों के आ रहे परीक्षा परिणामो को देखकर लगता है कि बेटियों ने उस कलंक को मिटाने का अब निश्चय कर ही लिया है।

हालही मे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान के सीनियर कक्षा के परिणामों पर नजर दौड़ाये तो पाते है कि बडी तादाद मे मुस्लिम बेटियो ने 90-95 प्रतिशत अंक ही नही अनेको ने तो 95- से 99 प्रतिशत अंक से पास करते हुये नये कीर्तिमान बनाये। अनेक शिक्षक बताते है कि विज्ञान संकाय मे उक्त तरह के हायर नम्बर मिलते रहने देखा जाता रहा है। पर अब आर्ट विषय मे भी उक्त तरह के हायर अंक पाना बेटियों द्वारा कीर्तिमान कायम करना ही है।

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान द्वारा आज जारी सीनियर आर्ट विषय का परीक्षा परिणाम जारी करने पर प्रांत भर की हजारों मुस्लिम बेटियो ने अच्छे अंक लाकर जो समुदाय के माथे पर अशिक्षा का कलंक मिटाने की सफल कोशिश की है। उनमे से कुछ उदाहरणो पर नजर डालते है तो पाते है कि झालावाड़ जिले के पिड़ावा कस्बे की सरकारी बालिका स्कूल की छात्रा सुरेय्या खान ने 98.80 अंक पाये है। वही सीकर जिले के कासली गावं की बेटी मुस्कान खान ने 95.00 प्रतिशत अंक पाये है। एवं उसी की चचेरी बहन निमरा बानो ने 95.60 प्रतिशत अंक पाये है।

कुल मिलाकर यह है कि सीनियर आर्ट के आज आये परीक्षा परिणाम मे सुरेय्या, मुस्कान व निमरा नामक बेटियां मात्र उदाहरण के तौर पर देखी जा सकती है। हजारो बेटियां ऐसी है जिन्होने 90 प्रतिशत से अधिक अंक पाकर समुदाय के सामने एक नजीर पेश की है कि अगर समाज बेटियो की शिक्षा पर अधिकाधिक फोकस करके उनको भी सुविधाएं व गाईडेंस प्रदान करे तो वो वतन की खिदमात बेहतर ढंग से अंजाम देने को तैयार है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity