कांग्रेस को दो व एक सीट भाजपा के खाते मे जायेगी।
अशफाक कायमखानी।जयपुर ।
राजस्थान की राज्यसभा की तीन सीटो पर पहले छब्बीस मार्च को होने वाले मतदान के लोकडाऊन के कारण स्थगित होने के बाद अब उन्नीस जून को मतदान होगा। ओर उसी दिन मतगणना के बाद परिणाम घोषित कर दिया जायेगा।
उक्त राज्यसभा चुनाव मे कांग्रेस से केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी उम्मीदवार है वही भाजपा से राजेन्द्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत उम्मीदवार है। विधायकों के आंकड़ों के मुताबिक तीन मे से दो सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है।
कांग्रेस की तरफ से बनाये गये उम्मीदवारों मे कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव व केरल निवासी केसी वेणुगोपाल को हाईकमान की पसंद व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विरोधियों को मात देने की कला को मानने के अलावा इसी के मध्य दो दफा विधानसभा चुनाव हारने वाले नीरज ढांगी को उम्मीदवार बनाना केवल मात्र मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा अपने चहतो को पूरुष्कृत करना माना जा रहा है। नीरज ढांगी की उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस के अनेक विधायक अंदर खाने नाखुश है लेकिन अब वो विरोध करने की स्थिति मे नही है।
उक्त राज्यसभा चुनाव मे जीत के लिये प्रत्येक उम्मीदवार को कम से कम से कम 51 मत आवश्यक रुप से चाहिए। मोजूदा विधानसभा मे कांग्रेस के पास 101 विधायक हाथ के निशान पर जीते हुये व एक सुभाष गर्ग लोकदल के निशान पर जीते हुये विधायक को गहलोत ने अपने मंत्रिमंडल मे जगह दे रखी है। इसके अतिरिक्त छ विधायक बसपा से कांग्रेस मे शामिल हो चुके एवं तेराह निर्दलीय विधायको मे से एक मात्र ओमप्रकाश हुड़ला को छोड़कर बाकी सभी बारह निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के पाले मे है। यानि कुल 120 विधायक तो कांग्रेस की जाजम पर इकठ्ठा बैठे है। इनके अलावा दो माकपा व दो बीटीपी के विधायकों के भी कांग्रेस के साथ रहने की उम्मीद पुख्ता है। दूसरी तरफ भाजपा के पास 72 स्वयं के विधायक व तीन रालोपा के एवं एक निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला का मत मोजूद है। भाजपा को अपने दुसरे उम्मीदवार को जीतने के लिये कम से कम 26 अन्य मतो की आवश्यकता है। जो मिलना इस समय कतई सम्भव नही लगता है।
हालांकि कांग्रेस मे अंदरखाने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कार्यशैली के करीब 36 विधायक असंतुष्ट बताये जा रहे है। लेकिन उनका कांग्रेस के खिलाफ व भाजपा के दुसरे उम्मीदवार ओंकार सिंह लखावत के पक्ष मे मतदान करना मोजुदा हालत मे कतई सम्भव नही है। ऐसी स्थिति मे दो कांग्रेस व एक भाजपा का उम्मीदवार जीतना तय माना जा रहा है। राजस्थान की दस राज्यसभा सीटो मे से कांग्रेस के पास उपचुनाव मे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जीतने पर एक सीट पहले से एवं उन्नीस जून को केसी वेणुगोपाल व नीरज ढांगी के जीतने के बाद तीन सीट कांग्रेस के पास हो जायेगी ओर सात भाजपा के पास रह जायेगी।
कुल मिलाकर यह है कि भाजपा के दूसरे उम्मीदवार ओंकार सिंह लखावत के मैदान मे रहने से केवल मात्र निर्विरोध चुनाव को रोकना मात्र विकल्प रहेगा। तीन मे से दो कांग्रेस के व एक भाजपा के खाते मे सीट जाना तय लगती है। जातीय आधार के मुताबिक कांग्रेस ने वेणुगोपाल (केरला ब्राह्मण) व नीरज ढांगी (अनुसूचित जाति) व भाजपा ने राजेन्द्र गहलोत (माली) व ओंकार सिंह लखावत (चारण) को उम्मीदवार बनाया है।