राजस्थान:कोराना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिये क्वारंटाईम व्यवस्था पर विशेष ध्यान रहेगा।

अशफाक कायमखानी।जयपुर।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में जो कामयाबी हमें अभी तक मिली है उसे बरकरार रखने के लिए क्वारंटाइन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा। अभी तक शहरों में कोरोना के मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब यह संक्रमण गांवों में नहीं फैले, इसके लिए क्वारंटाइन व्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। निर्देश दिए कि बाहर से आने वाले प्रवासियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो और साथ ही क्वारंटाइन में रखे गये लोगों की मॉनिटरिंग के पुख्ता इंतजाम हों।

मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला कलक्टर, जिला एवं उपखंड स्तरीय अधिकारियों से क्वारंटाइन व्यवस्थाओं पर मुख्यमंत्री द्वारा चर्चा करते हुये जिले से लेकर पंचायत स्तर तक मौजूद सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलकर क्वारंटाइन व्यवस्था को ग्राम स्तर तक सुचारू बनाने को कहा। इस काम में सांसदों, विधायकों के साथ-साथ सभी शहरी एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है। ट्रेन से आने वाले लोगों की रेलवे स्टेशन पर ही स्क्रीनिंग करवाकर बसों से उन्हें गन्तव्य स्थल तक पहुंचाने की व्यवस्था करें। संभव हो तो रेलवे स्टेशन पर उन्हें चाय-नाश्ता उपलब्ध कराएं और बसों में खाने के पैकेट व पानी रखवाया जाए, ताकि उन्हें आगे के सफर मे आसानी हों। जालोर, सिरोही एवं पाली जैसे जिलों को क्वारंटाइन व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा। क्योंकि वहां बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या हजारों में है। डूंगरपुर एवं भरतपुर जैसे सीमावर्ती जिलों को भी प्रवासियों के लिए समुचित इंतजाम रखने होंगे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि टेस्टिंग की जरूरतों को देखते हुए जिला स्तर पर जांच सुविधाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जाये। जालौर, पाली, सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर सहित वे सभी जिले जहां प्रवासी अधिक आ रहे हैं, जल्द से जल्द जांच सुविधाएं विकसित की जाएं।

बाहर से आने वाले प्रवासियों के क्वारंटाइन के लिए स्थानीय विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेंकर उनसे संपर्क स्थापित करें ताकि बेहतर तालमेल के साथ ग्राम स्तर पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें। क्वारंटाइन के लिए जगह चिन्हित करने और ग्राम स्तर पर बनाये गये संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर्स पर भोजन-पानी की व्यवस्था में भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए। गांव वालों को भी विश्वास में लेकर होम क्वारंटाइन रखे गए एवं बाहर से आने वाले प्रवासियों की मॉनिटरिंग में उनका सहयोग लिया जाए। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट और नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े युवाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है।
आपदा के समय जिस गंभीरता से काम किया जाता है वैसा हमारे प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों, सरकारी कर्मचारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं भामाशाहों सभी ने मिलकर किया है। कोरोना का सामना करने में राजस्थान ने प्रो-एक्टिव होकर काम किया है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यहां अपनाये गये उपायों की देश-विदेश में जमकर प्रशंसा हुई है। स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा मजबूत करते हुए हमें आगे भी इसी जज्बे के साथ लड़ाई जारी रखनी होगी। हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक संभव हो बाहर से आने वालों को होम क्वारंटाइन रखा जाए, जरूरी हो तभी उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन किया जाए। क्वारंटाइन में रखे गए लोगों में किसी तरह के लक्षण दिखाई दें तो उनकी जांच कर उन्हें कोविड सेंटर में भेजा जाए।
प्रवासी श्रमिक सड़क पर पैदल दिखाई दें तो उन्हें बसों के माध्यम से आगे भेजने की व्यवस्था की जाए अथवा उन्हें केंप में पहुंचाकर उनके लिए भोजन की व्यवस्था की जाए। राज्य सरकार ने उनके लिए बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity