विशाखापट्‌टनम:केमिकल प्लांट में गैस लीक होने से 2 बच्चों समेत 11 की मौत,300 लोग बेहोश

विशाखापट्टनम. आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के एक केमिकल प्लांट से गैस लीक हो गई। हादसा तड़के 2:30 बजे एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री के प्लांट में हुआ। सुबह करीब 5:30 बजे न्यूट्रिलाइजर्स के इस्तेमाल के बाद हालात काबू में आए। तब तक गैस 4 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 5 छोटे गांवों में फैल हो चुकी थी। हादसे में अब तक 2 बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसा विशाखापट्टनम से करीब 30 किलोमीटर वेंकटपुरम गांव में हुआ। एक हजार से ज्यादा लोग बीमार हैं। 300 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। 25 लोग वेंटिलेटर पर हैं। 15 बच्चों की हालत नाजुक है।

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीएमए और नौसेना की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया। एनडीआरएफ के डीजी एस एन प्रधान ने कहा है कि अब स्थिति नियंत्रण में है। यह कोशिश की जा रही है कि और लीकेज नहीं हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्‌डी से फोन पर बात की। साथ ही दिल्ली में एनडीएमए के अधिकारियों से चर्चा की। केंद्र सरकार की ओर से एक्सपर्ट टीम भेजने का फैसला लिया गया है। उधर, आंध्रप्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। उधर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इसका स्वत: संज्ञान लिया है। शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई होगी।

जो लोग वेंटिलेटर पर हैं, उनके लिए आंध्रप्रदेश सरकार की ओर से कुल 10 लाख रुपए की मदद दी जाएगी।
एनडीआरएफ के डीजी एस एन प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पुणे से एक्सपर्ट की टीम विशाखापट्टनम पहुंचेगी।
यह टीम केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर हादसों की एक्सपर्ट है।
केंद्र सरकार ने निर्देश दिए हैं कि हादसे से लोगों के स्वास्थ्य पर अभी और भविष्य में होने वाले असर को देखते हुए राहत के इंतजाम किए जाएं।
हादसे पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और आंध्र प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।

कई लोग मौके पर पहुंचे, वहीं बेहोश होकर गिर गए
आंध्रप्रदेश के डीजीपी दामोदर गौतम सवांग ने बताया कि सुबह 5:30 बजे न्यूट्रिलाइजर्स के इस्तेमाल के बाद हालात काबू में आए। मारे गए लोगों में से 2 की मौत भगदड़ में हुई। इनमें से एक आदमी कंपनी की दूसरी मंजिल से गिरा, जबकि दूसरा कुएं में गिर गया। हादसे की खबर लगते ही कई लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन वहीं बेहोश होकर गिर गए। आसपास के घरों में भी लोग बेहोश मिले। कुछ लोगों के शरीर पर लाल निशान पड़ गए।

स्टाइरीन गैस लीक हुई; यह फाइबर, रबर, पाइप बनाने में इस्तेमाल होती है
जो गैस लीक हुई, वह पीवीसी यानी स्टाइरीन कहलाती है। यह न्यूरो टॉक्सिन है। इसका केमिकल फॉर्मूला C6H5CH=CH2 होता है। यह सबसे लोकप्रिय ऑर्गनिक सॉल्वेंट बेंजीन से पैदा हुआ पानी की तरह बिना रंग वाला लिक्विड होता है। इसी से गैस निकलती है। यह दम घोंट देने वाली गैस है। यह सांसों के जरिए शरीर में चली जाए तो 10 मिनट में ही असर दिखाना शुरू कर देती है। यह गैस पॉलिस्टाइरीन प्लास्टिक, फाइबर ग्लास, रबर और पाइप बनाने के प्लांट में इस्तेमाल होती है।

प्लांट लॉकडाउन की वजह से बंद था, हादसे के वक्त कुछ ही लोग मौजूद थे
एलजी पॉलिमर्स मल्टीनेशनल कंपनी है। यह 1961 में बनी थी। तब इसका नाम हिंदुस्तान पॉलिमर्स था। 1978 में विजय माल्या के यूबी ग्रुप की मैकडॉवल एंड कंपनी में मर्ज हो गई। वेंकटपुरम गांव के गोपालनट्‌टनम इलाके में एलजी पॉलिमर्स का प्लांट 1997 से है। लॉकडाउन की वजह से प्लांट काफी दिनों से बंद था। इसे दोबारा शुरू करने की तैयारी थी। आमतौर पर यहां 250 के आसपास कर्मचारी होते हैं। लेकिन हादसे के वक्त यहां कुछ ही लोग थे।

हवा का बहाव गैस का असर तय करता है

इस तरह के मामलों में गैस कितने किलोमीटर तक फैलेगी, यह हवा के बहाव पर निर्भर करती है। अभी प्लांट के आसपास के इलाकों में हवा में 4-tert-Butylcatechol का छिड़काव किया जा रहा है ताकि गैस का असर कम किया जा सके। लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जा रही है।

5 हजार टन स्टोरेज का टैंक चेक करने के दौरान गैस लीक हुई
प्लांट में एक गैस चैम्बर और उसी के ठीक पास न्यूट्रिलाइजर चैम्बर है। जब 5 हजार टन की कैपेसिटी वाले टैंक से गैस लीक हुई तो न्यूट्रिलाइजर चैम्बर के जरिए उसे कंट्रोल करने की कोशिश की गई, लेकिन तब तक हालात बेकाबू हो चुके थे। आंध्रप्रदेश के उद्योग मंत्री गौतम रेड्‌डी ने बताया कि मजदूर गैस स्टोरेज टैंक चेक कर रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।

4 किलोमीटर के दायरे में गैस फैली
रिसाव के बाद गैस 4 किलोमीटर के दायरे में फैल चुकी थी। इस दायरे में आसपास के 5 छोटे गांव आते हैं। वहां लोगों के घरों तक गैस घुस गई। लोगों को बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ, उल्टियां होने के बाद उनकी नींद खुली। कई लोग बेहोश हो गए। गुरुवार सुबह तक वेंकटपुरम गांव से इसी तरह की तस्वीरें सामने आती रहीं। कई लोग खड़े-खड़े बेहोश होकर गिरते नजर आए।

वेंकटपुरम में लोगों को घबराहट, सीने और आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम ने लोगों को अस्पताल पहुंचाया।
प्रधानमंत्री ने कहा- सभी सुरक्षित रहें, यही चाहता हूं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि उन्होंने गृह मंत्रालय और एनडीएमए से बात की है। उन्होंने सभी के सुरक्षित रहने की कामना की। प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर एनडीएमए की आपात बैठक भी बुलाई।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity