अशफाक कायमखानी।
जयपुर।मॉडिफाइड लॉकडाउन के तहत 20 अप्रैल से औद्योगिक इकाइयां शुरू होंगी इससे प्रवासी मजदूर जो अभी यहीं रूके हुए हैं उन्हें काम मिलना शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि आर्थिक सलाहकार अरविन्द मायाराम की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने आर्थिक क्षेत्र के कई विशेषज्ञों से चर्चा के बाद रिपोर्ट तैयार की है, उसे आधार बनाकर राज्य सरकार आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में उचित कदम उठाएगी। धीरे-धीरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आने लगेगी।
प्रदेश में जो क्षेत्र हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं उन्हें छोड़कर अन्य क्षेत्रों में जहां संक्रमण के मामले सामने नहीं आए हैं वहां सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए सीमित आर्थिक गतिविधियों का संचालन होगा। इसके अलावा मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक क्षेत्रों में भी काम शुरू हो सकेगा।
पत्रकारों के साथ विडीयों कांफ्रेंसिंग करते हुये बताया कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले। प्रदेश की 136 मुख्य अनाज मण्डियों में से 120 मण्डियां जबकि 296 गौण मण्डियों में से 217 मण्डियां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नियंत्रित तरीके से संचालित हो रही हैं। फल एवं सब्जियों की 8 मुख्य एवं 33 गौण मण्डियां खुली हुई हैं। किसानों को उनके खेत के निकट ही उपज विक्रय की सुविधा देते हुए 508 ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को निजी गौण मण्डी घोषित किया गया है। पहली बार कृषि प्रसंस्करण इकाइयों को किसानों से सीधे कृषि जिन्सों की खरीद की अनुमति दी गई है। इसके लिए करीब 1137 अनुज्ञापत्र जारी किए गए हैं। अब किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बिचौलियों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।
राज्य सरकार कोरोना पॉजिटिव मरीजों का पता लगाने के लिए अधिक संख्या में टेस्ट करने पर जोर दे रही है। अभी हमारी टेस्टिंग क्षमता प्रतिदिन 4 हजार है, जो आगामी कुछ दिनों में बढ़कर 10 हजार तक हो जाएगी। हॉट स्पॉट के रूप में चिन्हित क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर टेस्ट किए जा रहे हैं। अधिक संख्या में टेस्ट हो रहे हैं इसीलिए पॉजिटिव रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है, लेकिन इसका एक फायदा यह भी है कि समय रहते पॉजिटिव का पता चलने से दूसरे स्वस्थ लोगों में संक्रमण रोकने में सहायता मिल रही है।
राज्य सरकार को प्रदेश के लोगों की चिंता है। हमारी पहली प्राथमिकता पॉजिटिव व्यक्ति के सम्पर्क में आए लोगों को होम क्वारेंटाइन रखने की है, लेकिन सघन बसावट वाले क्षेत्रों में जहां घरों में जगह नहीं है, उन लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर्स पर रखा जा रहा है। क्वारेंटाइन में रखे गए लोगों को सभी तरह की सुविधा मिल सके, इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।