अशफाक कायमखानी।
जयपुर।कोरोना के कारण मुश्किल और विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे ग्रामीण क्षेत्रों के लोक कलाकारों के लिए ‘मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना‘ की अनूठी पहल की गई है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे अनेक लोक कलाकार हैं, जो लोक कलाओं की सुरभि बिखेर कर अपनी आजीविका चलाते हैं। कोरोना के संकटकाल में उनकी यथासम्भव सहायता और सम्मान देने के लिए कला एवं संस्कृति विभाग ने यह अनूठी योजना तैयार की है। यह योजना राजस्थान के उन कलाकारों के लिये है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं तथा अपनी आजीविका के लिए पूर्णरूप से लोक कला के प्रदर्शन पर निर्भर है। इस योजना के लिए कलाकारों के आधार कार्ड में दर्ज पता ग्रामीण क्षेत्र तय करने का आधार होगा। योजना में शामिल होने के पात्र कलाकार राजस्थान की कोई भी प्रदर्शनकारी लोक कला, लोक वाद्ययंत्र वादन, एकल नृत्य, एकल लोक गायन आदि का अपनी प्रविष्टी के रूप में चयन कर सकेंगे। लोक कलाकारों को अपनी कला से सम्बंधित प्रस्तुति का 15 से 20 मिनट का वीडियो अपने घर से ही तैयार करके विभाग द्वारा निर्धारित ई-मेल cmfolkartdoac@gmail.com पर अटेचमेंट के रूप में अपलोड कर भिजवाना होगा। लोक कलाकारों द्वारा बनाए जाने वाले वीडियों की कुल अवधि 15-20 मिनट से अधिक नहीं होगी।
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सभी लोक कलाकरों को योजना के तहत अपनी प्रस्तुति की रिकार्डिंग के समय सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी की गई गाईडलांइस की पूर्ण पालना करनी होगी। इच्छुक लोक कलाकार यथासम्भव ऐसी प्रविष्टियों का चयन करे जिसमें एक से अधिक व्यक्ति (लोक कलाकर) उस प्रस्तुति में सम्मिलित ना हों।
योजना में सम्मिलित होने वाले कलाकारों को ई-मेल पर वीडियो भेजते समय पूर्ण विवरण के साथ स्वयं के बैंक खाते का विवरण अंग्रेजी में देना होगा, इसमें बैंक एवं शाखा के नाम के साथ ही आईएफएससी कोड का भी उल्लेख करना होगा। साथ ही आधार कार्ड की फोटो तथा चैक की फोटो (यदि उपलब्ध हो तो) भी भेजनी होगी।
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योजना में प्रविष्टि के लिए भेजे जाने वाले वीडियो की रिकॉर्डिंग किसी भी मोबाईल कैमरे या किसी भी अच्छे कैमरे से की जा सकती है। वीडियो कम से कम इस स्तर का हो कि लोग उसको देखकर उस प्रस्तुति का आनंद लें सके।