मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोविड-19को लेकर नियमित समीक्षा बैठको से जनता को लगातार लाभ मिल रहा है।

अशफाक कायमखानी।जयपुर।
कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए राजस्थान राज्य सरकार हर संभव कदम उठा रही है। प्रदेश में अभी तक 11 हजार 136 कोविड-19 के टेस्ट किये गये हैं। जो केरल के बाद किसी दूसरे राज्य द्वारा किये गये सर्वाधिक टेस्ट हैं। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में कोरोना को लेकर वर्तमान स्थिति एवं लॉकडाउन के हालात के बारे में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक मे जानकारी ली।

राजस्थान में कोरोना टेस्ट भारत सरकार की संस्था इण्डियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा राज्यों को दी गई गाइड लाइन के तहत किये जा रहे हैं। रेपिड टेस्ट किट के लिए आईसीएमआर ने जिन कम्पनियों को अधिकृत किया है राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा उनसे संपर्क किया जा रहा है। रेपिड टेस्ट किट उपलब्ध होने के बाद प्रदेश में और अधिक संख्या में टेस्ट किये जा सकेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने सही समय पर सही फैसले लिए हैं। पूरे देश में राजस्थान सरकार के इन कदमों की सराहना की जा रही है। कोविड-19 का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए गए उपायों की सराहना केन्द्र सरकार ने भी की है। इलेक्ट्रोनिक मीडिया, अखबार, सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से अपील की जा रही है कि सही जानकारियां आमजन तक पहुंचाएं, ताकि आमजन में भ्रम की स्थिति पैदा नहीं हो। राजस्थान सरकार ने समय रहते जो फैसले लिए हैं उन्हें सकारात्मक रूप से आमजन तक पहुंचाया जा रहा है।

होम क्वारंटाइन में रखे गये लोगों से मुख्यमंत्री ने अपील की है कि वे क्वारंटाइन के दौरान गाइड लाइन का पालन करें और घर से बाहर नहीं जाएं ताकि दूसरे लोगों में इस वायरस के फैलने का खतरा नहीं हो। जो लोग इसका पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

कोरोना के इस प्रकोप के दौरान सामान्य एवं गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को भी राज्य में सभी स्तरों के अस्पतालों में उचित इलाज मिले इस बात का पूरा ध्यान रखा जाये। हमें यह ध्यान रखना होगा कि दूसरी बीमारियों वाले मरीज परेशान नहीं हों। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये है कि लॉकडाउन के दौरान राशन की दुकानें खुली रहें और गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति हो इस बात का पूरा ध्यान रखा जाये। जो गरीब एवं जरूरतमंद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर नहीं हो रहे हैं, उन तक राशन पहुंचाया जाए ताकि उन्हें भूखा नहीं रहना पडे़।

दवाइयां, किराना, दूध जैसी आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुली रहे साथ ही मसाले, साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, कीटनाशक, सरफेस क्लीनर, चार्जर, बैटरी जैसी आवश्यक वस्तुएं भी लॉकडाउन के दौरान उपलब्ध रहें यह सुनिश्चित करने को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने बताया कि केन्द्र सरकार ने डिस्ट्रीक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) में जमा राशि का 30 प्रतिशत हिस्सा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उपयोग करने की अनुमति दे दी है। इस पर राजस्थान सरकार ने भी इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं। जिन जिलों में यह राशि उपलब्ध है, अब वहां इसका व्यय किया जा सकेगा।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की सूची के संबंध में केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत कई अन्य वस्तुओं एवं गतिविधियों को इसमें शामिल करते हुए राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चैन से जुड़ी ई-कॉमर्स कम्पनियों, होम डिलीवरी कम्पनियों,
मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों, गोदाम एवं वेयर हाउस आदि को अनुमति दी गई है। इसके अलावा आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक दवाओं की आपूर्ति, अस्पताल, क्लिीनिक भी इसमें शामिल हैं। कृषि उपकरणों, फर्टिलाइजर, खाद-बीज की दुकानों, कृषि उपकरणों में काम आने वाले पार्टस आदि की सप्लाई चैन भी लॉकडाउन में बाधित नहीं रहेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में अभी तक कोरोना वायरस के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन को रोकने में कामयाबी मिली है।

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity