बजट में घोषित Indigenous मुस्लिम उन्नयन परिषद गोरिया मोरिया देशी जनगोष्ठी नाम से गठन करे। सामाजिक-आर्थिक पियल अप्रैल से शुरू करे सरकार–अल असम गोरिया मरिया देशी जरिया परिषद।

चाईजुर रहमान, गुवाहाटी, 7 मार्च:– असम बिधानसभा के 2010-21 वर्ष की बजट अधिवेशन 2 मार्च से शुरू हुवा है। कल 6 मार्च को बित्तमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा ने सदन में बीजेपी नेतृत्ववाली असम सरकार की आखरी बजट पेश की। बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, नियुक्त, बिजली, आर्थिक मदद, सड़के अदि अनेक सुबिधाओं की घोषणा की है। एक प्रकार दिल्ली के अरबिंद केजरीअल सरकार की बजट का नक़ल असम सरकार की आखरी बजट में देखने को मिला। इधर बिरोधी दल कांग्रेस और एआईइउडीएफ ने 2020-21 की बजट को अगले 2021 वर्ष में होनेवाले असम बिधानसभा के निर्वाचन को मद्देनज़र रखते हुवे एक निर्वाचनमुखी बजट करार दिया है। वही इस बजट में असम की Indigenous मुसलमानो के लिए फिर से Indigenous मुस्लिम उन्नयन परिषद गठन करना और इस परिषद के लिए 100 कोड़ोर रुपये घोषणा किया गया। हलाकि पिछले 2019-20 वर्ष की बजट में भी असम की Indigenous मुसलमानो की सामाजिक-आर्थिक पियल करना, उन्नयन कॉर्पोरेशन गठन करना और 100 कोड़ोर रुपये का आर्थिक पैकेज घोषणा किया गया था।

लेकिन यह घोषणा सरकार ने अबतक पूरा नही किया। इसके चलते सरकार की दुबारा इस घोषणा को लेकर असम की Indigenous मुस्लिम जनगोष्ठी गोरिया, मोरिया, देशी के लोगो के बीच स्वभाबिक रूप से ब्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिला। आज असम के बोंगाईगांव जिले के अभयापुरी में Indigenous मुसलमानो का बहुत बड़ा जातीय संगठन अल असम गोरिया मोरिया देशी जातीय परिषद ने एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया। पत्रकार सम्मेलन में संगठन के केंद्रीय सम्पादक अजीजुल रहमान ने पत्रकारो को सम्बोधित करते हुवे कहा की असम सरकार ने पिछले 2019-20 वर्ष की बजट में Indigenous मुसलमानो के लिए जो सामाजिक-आर्थिक पियल, उन्नयन कॉर्पोरेशन गठन और 100 कोड़ोर रुपये की आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी उसे वास ्तब रूप दे। 2020-21 की बजट में Indigenous मुसलमानो के लिए असम सरकार ने Indigenous मुस्लिम उन्नयन परिषद गठन करना और 100 कोड़ोर रुपये का आर्थिक पैकेज की जो घोषणा की है उसपर अपना प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुवे उन्होंने कहा की असम की Indigenous मुसलमानो की खुद की ऐतिहासिक जनगोष्ठीय परिचय है औ र वे अपनी ऐतिहासिक पहचान से परिचित होना चाहते है, न की सिर्फ मुसलमान नाम से।

सरकार ने बजट में Indigenous मुस्लिम उन्नयन परिषद गठन करने की जो घोषणा की है उस परिषद को गोरिया, मोरिया, देशी जनगोष्ठीय नाम से गठन करे। अजीजुल रहमान ने कहा की पिछले 11 फरवरी को असम सचिवालय में असम के संख्यालघु उन्नयन मंत्री रंजीत दत्त के साथ असम के Indigenous मुसलमानो की संगठनो की बैठक हुई थी। जिसमे सरकार द्वारा बजट में घोषित उन्नयन कॉर्पोरेशन को Indigenous मुस्लिम की नाम से नही बल्कि गोरिया, मोरिया, देशी जनगोष्ठीय नाम से गठन करने की बात किया गया था। और मंत्री रंजीत दत्त ने भी सहमति दी थी। साथ ही सामाजिक-आर्थिक पियल करने की भी बात बनी थी।

लेकिन 2020-21 की बजट में Indigenous मुस्लिम उन्नयन परिषद गठन की बात करने से उन्होंने अश्यर्य जाहिर करते हुवे पत्रकार सम्मेलन में कहा की सरकार असम की Indigenous मुसलमानो के लिए उन्नयन कॉर्पोरेशन या उन्नयन परिषद जो भी गठन करे उसे मुस्लिम नाम से नही बल्कि ऐतिहासिक गोरिया , मोरिया, देशी जनगोष्ठीय नाम से नामकरण करे। उन्होंने कहा की सरकार घोषणा में ही अपना कर्तब्य सीमित न रखे। वास्तब रूप देके गोरिया, मोरिया, देशी को प्राप्य अदा करे। अगले अप्रैल महीने से गोरिया, मोरिया देशी की सामाजिक-आर्थिक पियल को शुरू करने की मांग करते हुवे उन्होंने फिर कहा की अगर ऐसा नही हुवा तो अल असम गोरिया मोरिया देशी जातीय परिषद पुरे असम मे हड़ताल करेंगे। असम के Indigenous मुस्लिम गोरिया, मोरिया देशी सरकार बनाना और गिराने का क्षमता भी रखते है— अजीजुल रहमान ने पत्रकार सम्मेलन में कहा।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity