नई दिल्ली (मिल्लत टाइम्स ) उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग एक ऐसे क़ानून का मसौदा तैयार कर रहा है जिसके तहत राज्य सरकार की योजनाओं का फ़ायदा सिर्फ उन्हें ही मिलेगा जिन परिवारों में दो या उससे कम बच्चे होंगे ।
हालांकि आयोग ने ज़ोर देकर कहा है कि किसी धर्म से इसका कोई मतलब नहीं है,लेकिन यह सवाल उठने लगा है कि क्या बीजेपी की राज्य सरकार समुदाय विशेष को निशाना बनाने की कोशिश में है।
इसके ठीक पहले यानी 18 जून को असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि दो बच्चों के नियम को लागू किया जाएगा और सरकारी सुविधाएँ सिर्फ उन्हीं परिवारों को मिलेंगी जिनमें अधिकतम दो बच्चे होंगे। लेकिन चाय बागानों में काम करने वालों और अनसूचित जाति-जनजाति को इससे बाहर रखा जाएगा।