संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कश्मीर के हालात पर चिंता जताई,मध्यस्थता की पेशकश की;भारत ने ठुकराई,कहा-असली मुद्दा पीओके

नई दिल्ली. भारत ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि असली मुद्दा पाकिस्तान की ओर से अवैध तरीके से कब्जाए गए क्षेत्र (पीओके) को खाली कराने का होना चाहिए। दरअसल, गुटेरेस ने रविवार को ही इस्लामाबाद दौरे पर कहा था कि वे कश्मीर की स्थिति को लेकर चिंतित हैं और भारत-पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद को सुलझाने में मध्यस्थता कर सकते हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुटेरेस का यह प्रस्ताव ठुकराते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि यूएन प्रमुख को पाकिस्तान पर इस बात का दबाव डालना चाहिए कि वह भारत के खिलाफ इस्तेमाल हो रहे आतंकवाद पर विश्वसनीय कार्रवाई करे।

आतंकवाद की वजह से कश्मीरियों का मानवाधिकार खतरे में
विदेश मंत्रालय की ओर से आगे कहा गया, “दोनों देशों के विवाद में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है। सभी विवादों का हल द्विपक्षीय तरीके से ही हो सकता है, लेकिन असल मुद्दा पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्रों को मुक्त कराने का होना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि यूएन महासचिव सीमापार आतंकवाद को रोकेंगे। इसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और बाकी भारत के लोगों के मानवाधिकार पर खतरा पैदा होता है।

यूएन महासचिव ने क्या कहा था?
एंटोनियो गुटेरेस रविवार को ही 4 दिनों के दौरे पर इस्लामाबाद पहुंचे। यहां उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ बैठक की। बैठक के दौरान ही उन्होंने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के हालात और एलओसी पर दोनों देशों के बीच जारी तनाव से काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के लिए सैन्य रूप से तनाव खत्म करना जरूरी है। उन्हें कश्मीर मुद्दे पर भी एहतियात बरतना होगा। इसी के साथ गुटेरेस ने कहा था कि अगर दोनों देश चाहें तो वे मदद के लिए तैयार हैं।(इनपुट भास्कर)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity