उत्तर प्रदेश में पुलिस की बर्बरता पर राष्ट्रीय मानवाधिकार ने डीजीपी को भेजा नोटिस,4 हफ्ते में मांगा जवाब,दी चुनौती

नई दिल्ली :नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध की आड़ में उत्तर प्रदेश में हिंसा के आरोपियों से क्षतिपूर्ति वसूलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच, राज्य में हिंसा के दौरान हुई मौतों को लेकर यूपी पुलिस को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की तरफ से नोटिस भेजा गया है।

मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं पर रिपोर्ट मांगी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें चार हफ्ते के भीतर यूपी में राज्य प्राधिकरणों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं पर रिपोर्ट मांगी है। शिकायतकर्ता द्वारा मामले में आयोग से अनुरोध के बाद आयोग ने नोटिस जारी किया।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में यूपी में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सबसे ज्यादा हिंसक प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में देखने को मिले हैं।

पुलिस को नुकसान की भरपाई करनी होगी
सीएए का विरोध करते हुए 19 दिसंबर को लखनऊ के खदरा, हुसैनाबाद और परिवर्तन चौक पर तोड़फोड़, पथराव और आगजनी हुई थी। जिला प्रशासन की ओर से गठित कमिटी ने 100 आरोपियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। एक हफ्ते के अंदर उन्हें संबंधित एडीएम कोर्ट में खुद को बेगुनाह साबित करना होगा। ऐसा न कर पाने की स्थिति में उपद्रव के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करनी होगी। क्षतिपूर्ति जमा न करने वालों की संपत्ति सीज करने के साथ ही उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity